एटीएम से रकम उड़ाने वाले गिरोह के 5 सदस्य गिरफ्तार


काशीपुर। काशीपुर पुलिस ने एटीएम से रकम उड़ाने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से एटीएम से धोखाधड़ी कर उड़ाई गई 10 लाख रुपये की नगदी भी बरामद की है। आरोपियों ने एटीएम में रकम लोड करने के दौरान 16 लाख रुपये की रकम गबन की थी। इस मामले में कोतवाली में मुकदमा दर्ज था। पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह यूपी के मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा से भी इस तरह धोखाधड़ी कर रकम उड़ा चुका है। एएसपी प्रमोद कुमार ने शनिवार को वारदात का खुलासा किया। एएसपी ने बताया कि 22 फरवरी को सीएमएस कंपनी हल्द्वानी के शाखा प्रबंधक विजय सिंह ने रकम धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें कहा था कि 29 जनवरी को कंपनी में काम करने वाले दो कस्टोडियन को मुरादाबाद रोड स्थित एक्सिस बैंक के एटीएम में रुपये डालने के लिए भेजा गया था। आरोप है कि कस्टोडियन ने इसमें से 16 लाख रुपये गायब कर लिए। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कोतवाल संजय पाठक की अगुवाई में जांच टीम का गठन किया था। एएसपी ने बताया कि शुक्रवार शाम पुलिस ने मुरादाबाद रोड पर मुखबिर की सूचना पर एक कार से मोहल्ला थाना साबिक निवासी निवासी देवेश यादव, मध्य प्रदेश के चौड़े का हनुमान नगर, थाना हजीरा, ग्वालियर निवासी अभिमन्यु, उमेश उर्फ गोलू, पालम कॉलोनी, पश्चिमी दिल्ली निवासी ओमपाल, यूपी के ग्राम पांची, खरखोदा, मेरठ निवासी रवि कुमार को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 10 लाख की नगदी बरामद की। पुलिस को आरोपियों के कब्जे से एक कार, दो बैग, दो टूल किट, एक कीबोर्ड, एडमिन कार्ड और पासबुक भी बरामद हुई।
एटीएम से रकम उड़ाने वाला गिरोह बेहद शातिर है। पकड़े गये आरोपियों में से एक कंपनी में ऑडिटर रह चुका है, जबकि दूसरा एटीएम इंजीनियर और तीसरा कस्टोडियन है। एटीएम में नगदी डालते वक्त की तकनीकी जानकारियों के चलते ही वे लोग लंबे समय से रकम उड़ाते रहे और कंपनी को इसका पता काफी समय बाद चला। कोतवाल संजय पाठक ने बताया कि ग्वालियर, मध्य प्रदेश का रहने वाला आरोपी अभिमन्यु कंपनी के देहरादून कार्यालय में ऑडिटर रह चुका है। एक ही कंपनी में काम करने के कारण अभिमन्यु की पहचान काशीपुर क्षेत्र में एटीएम में नगदी डालने के लिये तैनात कंपनी के कस्टोडियन देवेश यादव और एटीएम इंजीनियर ओमपाल से हो गई। अभिमन्यु और ओमपाल ने अपने एक-एक साथी को भी गैंग में शामिल कर लिया। इसके बाद कस्टोडियन देवेश एटीएम में नगदी डालते समय उसे पूरा लॉक नहीं करता था, बल्कि हाफ लॉक करते छोड़ देता था। सिक्योरिटी टीम के जाते ही वह गैंग के सदस्यों को बुला लेता था। गैंग के दो सदस्य एटीएम के बाहर निगरानी करते थे, जबकि तीन सदस्य एटीएम के अंदर लॉक खोलकर नगदी निकाल लेते थे। इस दौरान ओमपाल एटीएम को हैक कर देता था, ताकि एटीएम लॉक खोलने और नगदी निकाले जाने का किसी को पता नहीं चले।
कोतवाल पाठक ने बताया कि कस्टोडियन देवेश को कंपनी की ओर से जो बीट सौंपी गयी थी, उसमें काशीपुर के अलावा मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा तक का क्षेत्र भी शामिल था। इसके चलते वह काशीपुर से ठाकुरद्वारा तक के एटीएम में मशीनों में नगदी डालने का काम करता था। पूछताछ में पता चला है कि आरोपियों ने काशीपुर क्षेत्र में करीब 16 लाख रुपये इस तरह गबन किये थे। पूछताछ में पता चला है कि उन्होंने मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा में भी इसी तरह 15 लाख रुपये उड़ाये हैं। बताया कि गैंग ने कार भी गबन की गयी रकम से खरीदी।
कोतवाल पाठक ने बताया कि इंजीनियर ओमपाल एटीएम मशीन हैक करने के बाद इसमें बैलेंस शून्य दर्ज कर देता था। इसके बाद वह मशीन की हार्ड डिस्क खराब कर देता था। नई हार्ड डिस्क लगाने पर वह शून्य से ही शुरू होती थी। लेकिन 29 जनवरी को काशीपुर के मुरादाबाद रोड स्थित जिस एटीएम से रकम निकाली गयी, उसकी मशीन पूरी तरह हैक नहीं हुयी थी। ओमपाल ने जब मशीन के रिकॉर्ड में नगदी के आंकड़े को घटाकर शून्य करने की कोशिश की तो कंपनी को तुरंत छेड़छाड़ संबंधित मैसेज चला गया। इसके बाद कंपनी ने पहले अपने स्तर पर जांच की और फिर पुलिस के पास रिपोर्ट दर्ज करवायी।
