अठावले ने उठाई महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की मांग

राज्यसभा में गूंजा महाराष्ट्र का मुद्दा , भाजपा सदस्यों का हंगामा

नई दिल्ली(आरएनएस)। राज्यसभा में सत्तापक्ष यानी भाजपा नीत राजग के सदस्यों ने महाराष्ट्र के ताजा घटनाक्रम को लेकर हंगामा किया। इसके कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करना पड़ी। सत्तापक्ष के कई सदस्यों ने शून्यकाल के आखिरी चरण में इस मुद्दे को उठाने का प्रयास किया, लेकिन सभापति एम वेंकैया नायडू ने इसकी अनुमति नहीं दी।
इसी दौरान सदन में प्रश्नकाल शुरू हो गया और भाजपा सदस्यों ने एक बार फिर यह मुद्दा उठाने का प्रयास किया, लेकिन उपसभापति हरिवंश ने इसकी अनुमति नहीं दी और हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया। हंगामे के दौरान ही अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कुछ पूरक प्रश्नों का उत्तर दिया। नकवी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सिख, बौद्ध आदि समुदाय के 27 लाख बच्चे छात्रवृत्ति से वंचित रह गए क्योंकि राज्य सरकार केंद्र की छात्रवृत्ति योजना का लाभ उठाने के लिए तैयार नहीं है। लेकिन सदन में शोरगुल के कारण उनकी पूरी बात स्पष्ट रूप से सुनी नहीं जा सकी। उपसभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत रहने और प्रश्नकाल चलने देने की अपील की। हंगामे के बीच ही कांग्रेस सदस्य छाया वर्मा ने पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से वन्यजीवों द्वारा फसलों के नुकसान को लेकर पूरक सवाल किया। इस पर जावड़ेकर ने कुछ कहा किंतु हंगामे के कारण उनकी बात सुनी नहीं जा सकी।
गौरतलब है कि मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पिछले हफ्ते पत्र लिखकर दावा किया था कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पुलिस अधिकारियों को 100 करोड़ रूपये की मासिक वसूली करने को कहा है। इस पत्र के बाद राज्य में सियासी तूफान आ गया।

अठावले ने राष्ट्रपति शासन लागू करने को अमित शाह को लिखी चिट्ठी
उधर चिट्ठी कांड के बाद महाराष्ट्र में आए सियासी भूचाल के बीच अब एनडीए के सहयोगी रामदास अठावले ने बड़ी मांग कर दी है। उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है और महाराष्ट्र की मौजूदा सियासी स्थिति को देखते हुए वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। आरपीआई के अध्यक्ष ने कहा कि महाराष्ट्र में कायदा-कानून पूरी तरह से डगमगा चुका है, इसलिए राष्ट्रपति शासन की मांग की है। इससे पहले उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये सरकार महाराष्ट्र को जला रही है, उसकी अस्मिता को तोड़ रही है, महाराष्ट्र का मुंह काला कर रही है। वहां राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए मैं अमित भाई (अमित शाह) के दफ्तर में पत्र देने वाला हूं।