अशासकीय विद्यालयों में चयन आयोग से नियुक्ति का विरोध

रुड़की। अशासकीय विद्यालय प्रबंधक एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष श्यामसुंदर अग्रवाल ने चयन आयोग या किसी एजेंसी के माध्यम से अशासकीय विद्यालयों में नियुक्ति प्रक्रिया कराने की आलोचना की। उन्होंने कहा प्रबंध समितियां करोड़ों की लागत से अशासकीय विद्यालयों की स्थापना करती हैं। समाज के गरीब तबके के परिवारों के बच्चों को गुणवत्ता परक शिक्षा देती हैं। उन्होंने कहा कि प्रबंध समिति योग्य, अर्ह तथा अनुभवी व्यवहार कुशल शिक्षकों की नियुक्ति करती है। ताकि उनकी ओर से शिक्षण व्यवस्था में कोई कोताही नहीं बरती जाए। दूसरी ओर सरकार की ओर से बनाए गए भर्ती बोर्ड घोटालों का अड्डा बने हुए हैं। जिला सचिव अरविंद राठी तथा उपाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार गुप्ता ने कहा कि मैनेजमेंट के स्कूलों के पास केवल नियुक्तियों का अधिकार है। वही छीन जाएगा तो उनका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। संरक्षक राजकुमार चौहान और सदस्य इसरार अहमद ने कहा कि उन्हें कोई भी चयन आयोग अथवा एजेंसी स्वीकार्य नहीं है। यदि सरकार मनमानी करती है तो उन्हें कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। कोषाध्यक्ष रविंद्र सिंघल और आदेश सैनी ने कहा कि नियुक्तियों का अधिकार प्रबंध समितियों से छीनने का सरकार को कोई हक नहीं है।