अशासकीय विद्यालयों के तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण किया जाए

विकासनगर। उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ ने तदर्थ शिक्षकों के विनियमितीकरण की मांग सरकार से की है। इसके साथ ही बैठक में अशासकीय विद्यालयों को पर्याप्त संसाधन मुहैया कराने और शासकीय विद्यालयों की तर्ज पर अनुदान दिए जाने की मांग रखी गई। मंगलवार को आशा राम वैदिक इंटर कॉलेज में संपन्न हुई बैठक में जिलाध्यक्ष संजय बिजल्वाण ने कहा कि सरकार अशासकीय विद्यालयों में तैनात तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण नहीं कर रही है। जबकि शासकीय विद्यालयों में दस वर्ष की सेवा पर तदर्थ शिक्षकों को विनियमित किया जा रहा है। सरकार अपने ही अधीन काम करने वाले कर्मचारियों के साथ दोहरा बर्ताव कर रही है। अशासकीय विद्यालयों में तैनात शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को समय पर वेतन भी नहीं दिया जाता है। कई सरकारी योजनाओं से भी उन्हें वंचित रखा गया है। जिला मंत्री अनिल नौटियाल ने कहा सरकार अशासकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के साथ भी भेदभाव कर रही है। विद्यालयों में पर्याप्त संसाधन मुहैया नहीं कराए जा रहे हैं, लंबे समय से कई विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है, जिसका खामियाजा हजारों छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है। जर्जर भवनों की मरम्मत के लिए अशासकीय विद्यालयों को समाज से सहायता लेनी पड़ती है। कई विद्यालयों में साल दर साल शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं, नए शिक्षकों की तैनाती नहीं होने विद्यालय बंद होने के कगार पर पहुंच रहे हैं। बैठक में सभी समस्याओं का निस्तारण नहीं होने पर आंदोलन करने का निर्णय लिया गया। इस दौरान विजयपाल जगवाण, एसके त्रिपाठी, अनिल नेगी, नीरज वर्मा, हिमांशु वर्मा, सुभाष चंद्र मिश्रा, संजीव कालूरा, ईसम सिंह, अनिता नेगी, विभा, प्रीति, नरेंद्र सिंह, कुलदीप जोशी, फकीर चंद जोशी, अजीत तोमर, तनुप्रिया, रमा, मीनाक्षी सैनी, देवेश्वरी रावत, प्रकाश कौर, सीमा मौर्य, रीनू धीमान, मनीष राणा आदि मौजूद रहे।

error: Share this page as it is...!!!!
Exit mobile version