ये कैसी इमरजेंसी? किसानों के समर्थन में उतरने पर केजरीवाल को किसके इशारों पर नज़रबंद किया: आप
अल्मोड़ा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को किसान आंदोलन के दौरान नजरबंद करने पर आप प्रदेश उपाध्यक्ष अमित जोशी ने बयान जारी किया। आप प्रदेश उपाध्यक्ष अमित जोशी ने कहा कि आज पूरे देश में किसान उनके उपर थोपे गए काले किसान बिलों को लेकर सड़कों पर आंदोलनरत हैं और इन बिलों को वापिस लेने के लिए सरकार से कई दौर की वार्ता के बाद भी जब सरकार ने इनकी मांगों पर कोई सकारात्मक पहल नहीं दिखाई तो मजबूरन किसानों को विरोध स्वरुप आज भारत बंद करना पड़ा जिसके लिए कई संगठन उनके इस आन्दोलन में उतर कर उनको समर्थन देने लगे।
कल जब दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविन्द केजरीवाल सिन्धु बॉर्डर पर किसानों से मिलने गए, तबसे ही केंद्र की बीजेपी सरकार उनके पीछे पड़ गयी है। इससे पहले भी केन्द्र की उस मंशा पर भी अरविन्द केजरीवाल ने मना करके दिल्ली के स्टेडियम को जेल बनने से रोका था। तब से ही बीजेपी की पुलिस ने केजरीवाल के घर को ही जेल बना दिया ना ही उनके घर कोई आ पा रहा है और ना ही वो बाहर निकल पा रहे हैं। जबसे वो सिन्धु बॉर्डर किसानों से मिलने उनके हालत और सुविधाओं को देखने गए तबसे उनके वापिस आते ही गृहमंत्री अमित शाह के इशारों पर दिल्ली पुलिस और बीजेपी के कार्यकर्ता उनके घरों के बाहर हैं। उनके घर के बाहर बैरिकेडिंग लगा दी है उनको पूरी तरह हाउस अरेस्ट कर दिया। अब तक यही हालात हैं।
हम पूछना चाहते हैं कि ये देश में कौन सी इमरजेंसी लगी है जिसके बारे में लोगों को पता नहीं है या सरकार तानाशाही पर उतर आई है। इस लोकतांत्रिक देश में आप एक चुने हुए मुख्यमंत्री को घर के बाहर क्यों नहीं निकलने दे रहे हैं। उनको क्यों हाउस अरेस्ट किया गया? सरकार ये बताये।
आप प्रदेश उपाध्यक्ष अमित जोशी ने कहा कि बीजेपी सरकार की तानाशाही नहीं चलेगी पहले आप किसानों पर काले बिलों का क़ानून लाते हैं फिर लोकतंत्र में एक मुख्यमंत्री को बिना वजह हाउस अरेस्ट करते हैं।
आप प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा केन्द्र की निरंकुश हो चुकी सरकार किसानों की आवाज दबाने के लिए किस हद तक जायेगी मुख्यमंत्री केजरीवाल की आवाज़ को दबाने के लिए किस हद तक जायेगी, लेकिन वो सोच ले कितना भी प्रचंड बहुमत आपके पास हो कितना भी आप तानाशाही पर उतर जाओ, कितना भी किसानों पर आप काले बिल थोपो लेकिन ये जनता जानती है कि आप कितना भी प्रयास कर लो ना आप किसानों की आवाज़ को दबा पाओगे, और ना ही अरविन्द केजरीवाल की आवाज़ को दबा पाओगे। आम आदमी पार्टी किसानों के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ी है।