
हरिद्वार (आरएनएस)। अर्धकुंभ मेला 2027 की तैयारियों के तहत करोड़ों रुपये की लागत से बनाए जा रहे घाटों की मजबूती पर सवाल उठने लगे हैं। गंगनहर पर अमरापुर घाट से लेकर ऋषिकुल पुल तक निर्माणाधीन घाटों की आरसीसी नींव पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं। कई स्थानों पर धंसाव की स्थिति भी बन गई है। यह हाल तब है, जब निर्माण कार्य अभी शुरुआती चरण में ही है।
जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड सिंचाई विभाग ने दशहरा से दीपावली के बीच गंगा क्लोजर के दौरान इन घाटों की फाउंडेशन डाली थी। छोटी दीपावली की रात को जैसे ही गंगनहर में जल छोड़ा गया, कई घाटों की आरसीसी नींव फट गई और सतह पर दरारें उभर आईं। इससे निर्माण की गुणवत्ता, निगरानी व्यवस्था और इंजीनियरों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिन स्थानों पर नींव टूटी है, वहां नहर किनारे बने हाईवे, नहर पटरी मार्ग और आसपास की बस्तियों को भी खतरा पैदा हो गया है। यदि सीमित जल प्रवाह में यह स्थिति है, तो पूर्ण प्रवाह के दौरान खतरा और बढ़ सकता है।
शनिवार को दरारों और धंसाव की सूचना मिलते ही मेला अधिकारी सोनिका ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया। उन्होंने सिंचाई विभाग के इंजीनियरों और संबंधित अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए। सोनिका ने कहा कि जहां दरारें आई हैं, वहां मजबूत पुनर्निर्माण कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि थर्ड पार्टी टीम ने एक सप्ताह पूर्व निर्माण के नमूने लिए थे और जिन स्थलों पर खामियां मिली हैं, वहां सुधार कार्य के आदेश दे दिए गए हैं।





