


हरिद्वार(आरएनएस)। हरिद्वार में 2027 के अर्धकुंभ मेले को लेकर साधु-संतों ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। भारत साधु समाज की बैठक में संतों ने न सिर्फ अर्धकुंभ मेले को पूर्ण कुंभ के रूप में आयोजित करने पर आपत्ति जताई, बल्कि अखाड़ा परिषद के अस्तित्व पर भी सवाल उठाए हैं। बड़ा अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्रप्रकाश ने कहा कि वर्तमान समय में अखाड़ा परिषद अस्तित्व में नहीं है। जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी ने आयोजन पर गंभीर प्रश्न खड़े करते हुए सरकार पर परंपराओं से छेड़छाड़ करने के आरोप लगाए हैं। सभी ने यह बातें बैठक के दौरान मीडिया से कहीं। भारत साधु समाज की बैठक में महामंडलेश्वर रूपेंद्रप्रकाश महाराज ने कहा कि सरकार को परंपराओं में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुंभ और अर्धकुंभ के स्वरूप पर विचार करना संत समाज का विषय है और सरकार की भूमिका केवल व्यवस्था संभालने तक सीमित रहनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अनादिकाल से चली आ रही व्यवस्थाओं में किसी भी प्रकार का बदलाव संत समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। सभी साधु-संत सरकार से मिलकर अर्धकुंभ मेले पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि पूर्ण कुंभ में पेशवाई और धर्मध्वजा अत्यंत महत्वपूर्ण होती हैं। स्वामी रूपेंद्रप्रकाश ने दोहराया कि अखाड़ा परिषद के दोनों गुटों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, इसलिए वर्तमान में परिषद का कोई औपचारिक अस्तित्व नहीं है।

