अपर सचिव हरक सिंह के निधन पर शोक जताया
रुद्रपुर(आरएनएस)। अपर सचिव हरक सिंह के देहरादून आवास पर निधन की सूचना मिलने पर सितारगंज के लोगों ने भी शोक जताया। वह वर्ष 2000 से 2005 तक सितारगंज तहसील में तहसीलदार रहे थे। वर्ष 2000 में सितारगंज बाढ़ आपदाग्रस्त क्षेत्र था। बरसात आने पर सितारगंज का सिसौना, जेल कैम्प, लौका, गोठा क्षेत्र महीनों जलमग्न रहता था। बैगुल नदी क्षेत्र को जलमग्न कर भारी नुकसान पहुंचाती थी। कई गांवों का सीधा सम्पर्क कट जाता था। सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो जाती थी। बरसात में सैकड़ों परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना पड़ता था। बजट के अभाव में बाढ़ सुरक्षा कार्य भी नहीं हो पाते थे। तहसीलदार रहते हरक सिंह ने जनता की पीड़ा को समझा। उन्होंने राजस्व विभाग की टीम के साथ बैगुल नदी को गहरा कर क्षेत्र को बाढ़ से बचाने के प्रयास शुरू कर दिए। इसमें किसानों ने भी आगे बढ़कर भागीदारी की। दिन-रात बैगुल नदी से सिल्ट हटवाकर नदी का रुख बदलकर जंगल की मूल नदी की ओर मोड़ दिया। इससे क्षेत्र के लोगों को बैगुल की बाढ़ से काफी हद तक राहत मिली। दर्जनों गांवों के किसानों के बंजर हो गए खेतों में दोबारा खेती होने लगी। स्थानांतरण होने पर क्षेत्र के लोगों ने उन्हें हजारों की भीड़ के बीच स्वर्ण मुकुट पहनाकर सम्मानित किया था। रविवार को अपर सचिव हरक सिंह के निधन की सूचना मिलने पर क्षेत्र के लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। राजस्व विभाग के अफसरों ने भी शोक जताया।