अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद सुरक्षा बलों ने ज्यादा आतंकियों को किया ढेर
नई दिल्ली (आरएनएस)। अगर पांच अगस्त 2019 से पहले एक वर्ष के आंकड़े देखें, तो जम्मू-कश्मीर में ऐसी 443 घटनाएं सामने आई थीं। इन 393 दिनों के दौरान पत्थरबाजों के पंजीकृत मामलों की संख्या 703 तक पहुंच गई थी, जबकि पांच अगस्त 2019 से लेकर 31 अगस्त 2020 तक ऐसे मामले 310 पर सिमट गए हैं।
सुरक्षा बलों ने इस वर्ष कई बड़े ऑपरेशनों को अंजाम दिया है। घाटी में अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम में ही 52 से अधिक एनकाउंटर हुए हैं। श्रीनगर में आठ तो हंदवाड़ा में पांच बड़े एनकाउंटर हो चुके हैं। सोपोर में चार व बारामुला में भी तीन ऑपरेशन हुए थे। इन ऑपरेशनों में 38 से अधिक भारतीय सुरक्षा बलों के जवान भी शहीद हो गए, जिनमें एक कमांडिंग अफसर व मेजर शामिल हैं। गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी के अनुसार, अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं, पत्थरबाजी के पंजीकृत मामलों, आतंकवादी घटनाओं में मारे गए नागरिकों व शहीद हुए सुरक्षा कर्मियों की संख्या में उल्लेखनीय रूप से कमी आई है। सात जुलाई 2018 से लेकर 4 अगस्त 2019 तक आतंकी घटनाओं में 54 नागरिक मारे गए, जब इसके बाद के 393 दिन में 45 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। पिछले साल पांच अगस्त से लेकर इस वर्ष 31 अगस्त तक आतंकी घटनाओं में 49 सुरक्षा कर्मी शहीद हो गए, जबकि उससे पहले के एक वर्ष में 125 सुरक्षा बल कार्मिक शहीद हुए थे।