एंटीलिया मामले की जांच अब महाराष्ट्र सरकार तक पहुंची
सीएम ठाकरे और गृहमंत्री देशमुख के घर की बढ़ाई गई सुरक्षा
मुंबई, 21 मार्च (आरएनएस)। एंटीलिया मामले और पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के लेटर बम ने महाराष्ट्र की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है। परमबीर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर आरोप लगाया कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपए होटल, रेस्टोरेंट और बार से वसूली कर के लाने का टारगेट दिया था। जिसके बाद विपक्ष सरकार आक्रमक हो गया है। इन सारी घटनाओं के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृहमंत्री अनिल देशमुख के सरकारी आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मुंबई में मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिले विस्फोटक मामले की जांच अब महाराष्ट्र सरकार तक पहुंच गई है। मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के गंभीर आरोपों के बाद से गृहमंत्री अनिल देशमुख की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है। अनिल देशमुख वसूली के आरोपों में फंसे हैं।
वहीं महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान को लेकर मुंबई में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा कार्यकर्ता महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के आरोपों के बाद महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख सीधे तौर पर विपक्ष के निशाने पर है। जिसके कारण मुंबई के मालाबार हिल परिसर के उनके सरकारी आवास ज्ञानेश्वरी की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मुख्यमंत्री का सरकारी बंगला भी इसी परिसर में होने से वहां की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इन बंगलों की ओर जाने वाले दोनों रास्तों पर सुरक्षा के इंतजाम किए गए है। गृहमंत्री पर लगे आरोपों के बाद आज इन दोनों बंगलों पर आज सबकी निगाहें रहने वाली है इसलिए सुरक्षा बढ़ाई गई है।
जानकारी के अनुसार इसी बीच परमबीर सिंह के पत्र पर सवाल उठ रहे हैं, पत्र में परमबीर के हस्ताक्षर नहीं है। ये पत्र व्यक्तिगत ई मेल आईडी से भेजा गया है। इसलिए पत्र की जांच की मांग की जा रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार शनिवार दोपहर 4:37 बजे होम गार्ड के कमांडेंट जनरल परमबीर सिंह के नाम से मुख्यमंत्री सचिवालय को पत्र मिला है। पत्र व्यक्तिगत ई मेल आईडी से भेजा गया है। यानी सिर्फ नाम लिखा है। जबकि मुख्यमंत्री कार्यालय में परमबीर सिंह की आधिकारिक ई मेल आईडी parimbirs@hotmail.com नाम से दर्ज है। पत्र में आईपीएस परमबीर सिंह द्वारा हस्ताक्षर भी नहीं किए गए हैं। इसलिए पत्र की जांच जरूरी है। गृह विभाग की तरफ से परमबीर सिंह से संपर्क साधने की भी कोशिश की जा रही है। ऐसा मुख्यमंत्री कार्यालय से स्पष्ट किया गया है।