एम्स में ब्लैक फंगस के मरीजों हेतु 25-25 बेड के चार वार्ड बने

ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में ब्लैक फंगस के मरीजों के 25-25 बेड के चार वार्ड बनाये गये हैं। इन वार्डों में कोविड पॉजिटिव एवं कोविड नेगेटिव रोगियों के लिये अलग व्यवस्था की गई है। 15 सदस्यीय विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम मरीजों का इलाज कर रही हैं। अब तक एम्स में ब्लैक फंगस के 64 मामले आ चुके हैं। पांच रोगियों की उपचार के दौरान मौत भी हो चुकी है। लगातार ब्लैक फंगस के मामले बढऩे से एम्स प्रशासन सतर्क हो गया है। ईएनटी सर्जन डा.अमित त्यागी के नेतृत्व में विभिन्न विभागों के 15 विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम पहले ही गठित कर दी गई। यह टीम म्यूकरमाईकोसिस का उपचार, प्रबन्धन, निगरानी और अन्य सभी व्यवस्थाएं संभालती है। टीम हर दिन सात से आठ मरीजों की सर्जरी भी कर रही है। डा. अमित त्यागी बताते हैं कि यदि कोई व्यक्ति कोविड संक्रमित हैं और डायबिटीज की भी शिकायत है तो ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। अधिक शुगर लेवल वाले कोविड मरीजों को इस समय म्यूकर माईकोसिस की घातक बीमारी अपनी चपेट में ले रही है। बताते हैं कि हांलाकि यह बीमारी पहले से होती आयी है, लेकिन कोविड महामारी के दौरान संक्रमित मरीजों द्वारा बिना डाक्टरी सलाह के स्टेरॉयड का अधिक इस्तेमाल करना, म्यूकर माईकोसिस बीमारी का प्रमुख कारण बन रहा है।
क्या है म्यूकर माईकोसिस: म्यूकर माईकोसिस एक दुर्लभ तरह का फंगस है। यह नाक के द्वारा या चोट से आए घाव और खरोंच के जरिए शरीर में ज्यादा तेजी से फैलता है। उन मरीजों में यह ज्यादा देखने को मिल रहा है, जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है। एम्स में म्यूकर माईकोसिस ट्रीटमेन्ट टीम के हेड व ईएनटी सर्जन डा. अमित त्यागी का कहना है कि कोरोना संक्रमित वह मरीज जिनका शुगर लेवल नियन्त्रण में नहीं है, उन्हें इस बीमारी से ज्यादा खतरा है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर इस फंगस को तेजी से पनपने का मौका मिलता है और रोगी जल्दी ही गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है।

म्यूकोर माईकोसिस के प्रमुख लक्षण: बुखार, सिरदर्द, नाक बंद होना, नाक से पानी बहना, आंख में सूजन होना, आंखों में दर्द होना, आंख का मूवमेन्ट कम होना, आंख से कम दिखायी देना और रोगी की देखने की क्षमता का क्षीण होना इसके प्रमुख लक्षण हैं। यह बीमारी उन लोगों में अधिक देखी जा रही है, जिन्हें डायबिटीज की समस्या है।

डॉक्टर की सलाह: डॉक्टरों की सलाह है कि स्टेरॉयड के सेवन से इलाज करने वाले कोविड संक्रमित रोगी अपने शुगर की नियमित जांच करवाएं और शुगर लेवल पर नियन्त्रण रखें। लक्षण नजर आने पर बिना देरी किए डाक्टर से सलाह लें। बिना चिकित्सीय सलाह के स्टेरॉयड का सेवन कदापि न करें। डा.त्यागी ने बताया कि कोविड पेशेन्ट को अधिकतम 10 दिनों से ज्यादा स्टेरॉयड का सेवन नहीं करना चाहिए। दवा की ज्यादा डोज बेहद नुकसानदायक है। इसके अलावा कोविड संक्रमित होने पर रोगी को पहले 6 हफ्तों के दौरान अपने शुगर लेवल पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि एम्स में भर्ती म्यूकर माईकोसिस के अधिकांश रोगी शुगर से पीडि़त भी हैं।
म्यूकर माईकोसिस का उपचार: यह संक्रमण नाक से शुरू होता हुआ शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने लगता है। इसके उपचार में शरीर से बेजान और संक्रमित ऊतकों को निकाला जाता है, इसलिए कुछ मरीज अपनी ऊपरी दाड़ और आंखें खो बैठते हैं। इसके उपचार में 3 से 6 सप्ताह तक नसों का एंटी-फंगल उपचार भी शामिल है। घातक होने के कारण यह संक्रमण पूरे शरीर पर बुरा असर छोड़ता है। इसलिए इसके उपचार में सूक्ष्म जीवविज्ञानी, गहन न्यूरोलॉजिस्ट, कान-नाक-गला विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ, दंत चिकित्सक, सर्जन और अन्य विशेषज्ञ की सलाह ली जानी चाहिए।


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