एक्टू से जुड़े श्रमिकों ने चार नए श्रम कोड को बताया काला कानून

रुद्रपुर(आरएनएस)।  केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आह्वान पर एक्टू से जुड़े श्रमिकों ने चार नये श्रम कोड का विरोध करते हुए इन्हें काला कानून बताया। सितारगंज के औद्योगिक पार्क क्षेत्र में हुई बैठक में यूनियन के अध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट ने कहा कि लॉकडाउन के समय केंद्र सरकार ने चुपके से 44 श्रम कानूनों को खत्म करके 4 नए श्रम कोड पारित कर दिए थे। ट्रेड यूनियनों व मजदूरों के विरोध के चलते ये कानून अभी तक लागू नहीं हो पाए हैं। लेकिन सरकार पूंजीपतियों के पक्ष में इन चार श्रम कोडों को लागू करने की पूरी कोशिश कर रही है। इसीलिए 23 सितंबर को चार वर्ष पूरे होने पर मजदूर यूनियन देशभर में इन्हें ‘काला दिवस’ के रूप में मना रही है। महामंत्री दीपक सिंह ने कहा कि नए श्रम कोड लागू होंगे तो मजदूरों की हालत बंधुवा मजदूर की तरह हो जाएगी। कोई भी कंपनी मनमर्जी से जब चाहे तब अपने कारखाने को बंद करके, मजदूरों को बेरोजगार करके रातोरात भाग सकती है। नए श्रम कोड में मजदूरों को अपने अधिकार के लिए यूनियन बनाना असंभव हो जाएगा। यहां भास्कर, राजेंद्र, रतीन, रमेश, उमेश, विनोद राणा, सचिन राणा, भोपाल सिंह, प्रमोद मौजूद रहे।