पत्नी की हत्या में आरोपी पति को आजीवन कारावास की सजा

बागेश्वर। पत्नी की हत्या करने के आरोपी पति को अपर स़त्र न्यायाधीश कुलदीप शर्मा की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्त को दस हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है। मामले में मृतका की सास को भी आरोपी बनाया गया था। उसके खिलाफ अदालत को कोई साक्ष्य नहीं मिला। जिसके चलते उसे बरी कर दिया गया है। मामला रीमा पुलिस चौकी से जुड़ा है। जहां दो नवंबर 2019 को किरौली गांव के उमेश सिंह गढिय़ा ने पुत्री तनुजा के पति के खिलाफ हत्या की तहरीर दी थी। इसके अनुसार उनकी पुत्री का विवाह तीन साल पूर्व महोली निवासी प्रदीप सिंह राठौर के साथ हुआ था। बताया कि उनकी पुत्री को ससुराल वाले लगातार दहेज के लिए प्रताडि़त करते थे। डिमांड पूरी नहीं होने पर उनके दामाद ने बेटी की नदी में फेंककर हत्या कर दी। उन्होंने अपराध में आरोपी की माता का हाथ होना भी बताया। तहरीर के आधार पर पुलिस ने धारा 498ए, 304बी, 302 और 3/4 दहेज अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। सीओ महेश जोशी ने विवेचना कर अदालत में आरोप पत्र दायर किया। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता चंचल सिंह पपोला ने पैरवी की। उन्होंने अदालत में नौ तथ्यों सहित 12 गवाहों को पेश कराया। इसके आधार पर अपर सत्र न्यायाधीश ने आरोपी को 302 के तहत दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा दी। हालांकि मामले की दूसरी आरापी बसंती देवी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं होने के कारण उसे दोषमुक्त करार दिया। अदालत ने कहा कि आरोपी अगर अर्थदंड जमा नहीं कर पाया तो उसे एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।


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