अब उम्र के अनुसार होगा सोशल मीडिया का वर्गीकरण
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नई दिल्ली,25 फरवरी (आरएनएस)। सरकार की नई गाइडलाइंस के मुताबिक सोशल मीडिया कंपनियों को यूजर्स की शिकायतों के लिए एक अधिकारी रखना होगा और इसका नाम भी बताना होगा। किसी भी यूजर की शिकायत पर 24 घंटे के अंदर कार्रवाई करना होगा। 15 दिन के भीतर उसकी शिकायत को सुलझाना होगा। न्यूडिटी के मामलों में अगर शिकायत होती है, 24 घंटे के भीतर उस कंटेंट को हटाना होगा। कंपनियों को हर महीने सरकार को एक रिपोर्ट देनी होगी कि कितनी शिकायतें आईं और उन पर कार्रवाई की गई है। किसी भी अफवाह या गलत कंटेंट को पहली बार किसने डाला, इसकी जानकारी सरकार को देनी होगी।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को सोशल मीडिया और ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इससे अब सोशल मीडिया पर फेक न्यूज और अश्लील सामग्री निरंकुश नहीं रह जाएगी। भारत सरकार ने अभद्र कंटेंट पर अंकुश लगाने के लिए देश में कार्यरत सोशल मीडिया तथा ओटीटी कंपनियों के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। यह सभी नियम आगामी तीन महीने में लागू हो जाएंगे। सोशल मीडिया और ओटीटी के लिए बनाए गए इस दिशा निर्देश के मुताबिक हर कंपनी को एक चीफ कंप्लायंस ऑफिसर की नियुक्ति करनी होगी, जो 24 घंटे कानून प्रवर्तन एजेंसियों के निर्देशों पर जवाब देगा और अनुपालन के लिए नियमित रिपोर्ट देंगे। नए दिशा निर्देशों के जरिए फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम और समाचार से जुड़े वेबसाइटों को नियमित किया जाएगा। सरकार का कहना है कि नए नियमों के तहत एक शिकायत निवारण तंत्र पोर्टल बनाना होगा। नए नियम से फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप और लिंक्डइन जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए मांगे जाने पर कंटेंट की जानकारी देना आवश्यक हो गया है।
नियमों की प्रमुख विशेषताएं
सभी को शिकायत निवारण की व्यवस्था करनी होगी और इसके लिए एक अधिकारी रखना होगा।
अश्लील सामग्री मिलने पर 24 घंटे में हटाना होगा।
दो तरह के सोशल मीडिया होंगे- प्रमुख और द्वितीय।
चीफ कंप्लायंस ऑफिसर, चीफ नोडल ऑफिसर, चीफ ग्रीवांस ऑफिसर की नियुक्ति करनी होगी।
मासिक रिपोर्ट प्रकाशित करनी होगी जिसमें बताना होगा कि कितनी शिकायतें आईं और कितनों पर काम हुआ।