अब मदरसों में भी पढ़ाई जाएगी गीता और रामायण
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत लिया गया फैसला
नई दिल्ली (आरएनएस)। मदरसों में पौराणिक और धार्मिक ग्रंथों को पढ़ाये जाने की कार्ययोजना के क्रियान्वयन की ओर केंद्र सरकार अग्रसर है। जिसके तहत मदरसों में गीता के श्लोक और रामायण की चौपाई पढ़ाई जाएगी। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) ने देश के सौ मदरसों में गीता और रामायण पढ़ाने की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। मदरसों में पढ़ रहे कक्षा तीन, पांच और आठ के छात्रों के लिए एनाईओएस की ओर से गीता और रामायण के बेसिक कोर्स तैयार किए गए हैं।
एनआईओएस चेयरमैन सरोज शर्मा के अनुसार अभी शुरुआत केवल 100 मदरसों से की जा रही है औऱ बाद में इस कोर्स को 500 मदरसों तक लेकर जाया जाएगा। आरएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक एनआईओएस ने भारतीय जनपरंपरा को लेकर 15 कोर्स तैयार किए हैं। जिसमें वेद, योग, साइंस, संस्कृत भाषा, रामायण और गीता के बारे में पढ़ाया जाएगा। इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने एनआईओएस के हेडक्वाटर में स्टडी मैटेरियल को रिलीज करते हुए कहा था कि भारत प्राचीन संस्कृति से जुड़े ज्ञान का पॉवर हाउस है। हम इस शिक्षा के लाभ को मदरसों और दुनिया भर के भारतीय समुदायों में लेकर जाएंगे। एनआईओएस उन दो राष्ट्रीय बोर्ड में से एक है जो प्राइमरी, सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी के कोर्स ओपन और डिसटेंस एजुकेशन के जरिये कराते हैं। बच्चों को पढ़ाये जाने वाले इसके योग के कोर्स मैटेरियल में पतंजलि कृतासूत्र, योग सूत्र व्यायाम, सूर्य नमस्कार आसन, प्राणायाम और स्मरण शक्ति बढ़ाने वाली शिक्षा शामिल है। बताया जा रहा है कि ये अनिवार्य नहीं होगा। ओफन एजुकेशन सिस्टम के तहत छात्र इसे चुनने के लिए स्वतंत्र होंगे।