अब डायरिया और बदन दर्द भी कोरोना के नए लक्षण

नई दिल्ली (आरएनएस)। कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने देश में पिछले साल के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। अब जबकि 2 लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं और एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत भी हुई। ऐसे में खुद को संक्रमण से बचाने के लिए आपके पास जो एक मात्र उपाय है वह है सावधानी बरतना और साथ ही जरूरी है कोरोना के लक्षणों पर नजर रखना। म्यूटेशन की वजह से कुछ दिन बाद ही कोरोना अपना रूप बदल रहा है जिस वजह से उसके लक्षणों में भी बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
कोलकाता के डॉक्टरों के अनुसार, बहुत उच्च संचरण दर के साथ-साथ कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कोविड-19 के लक्षणों में मामूली और सूक्ष्म परिवर्तन हुए हैं, जिससे वायरस की पहचान करना मुश्किल हो रहा है। डॉक्टर भी कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान संक्रमण के लक्षणों में हुए बदलाव की बात कह रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से बड़ी संख्या में ऐसे लोगों में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो रही है, जिन्हें न बुखार आया और ना ही सर्दी-जुखाम हुआ। ये लोग तो बदन दर्द, सिर दर्द या पेट दर्द की शिकायत लेकर डॉक्टर के पास पहुंचे और जब उनका आरटी-पीसीआर टेस्ट हुआ तो पता चला कि वे कोरोना वायरस से संक्रमित हैं।
डॉक्टरों की मानें तो पेट में दर्द, उल्टी-दस्त, डायरिया और बदन दर्द की शिकायत लेकर आने वाले करीब 40 प्रतिशत मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। ज्यादातर लोगों को अब तक यही लगता है कि सर्दी-खांसी, जुखाम और बुखार ही कोरोना के लक्षण हैं। इसलिए अगर उन्हें पेट दर्द, सिरदर्द या बदन दर्द की समस्या होती है तो वे डॉक्टर के पास जाने की बजाए घर पर ही घरेलू नुस्खों से इलाज करते रहते हैं, लेकिन जब काफी समय तक बीमारी ठीक नहीं होती तब वे डॉक्टर के पास जाते हैं और तब तक वायरस शरीर को काफी नुकसान पहुंचा चुका होता है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति को लंबे समय तक बदन दर्द या पेट में दर्द की समस्या हो तो देर किए बिना कोरोना का टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।
इलाज में जुटे डॉक्टरों का भी कहना है कि कोरोना के कई सारे स्ट्रेन सामने आने के बाद मरीजों को सांस लेने में दिक्कत बुखार और सूखी खांसी के लक्षण आम हो गए हैं। इसके साथ ही मरीजों में गंध का पता न चल पाना और खाने का स्वाद गायब होना भी आम लक्षणों में से एक है।
डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बहुत उच्च संचरण दर के साथ आगे बढ़ रहा है जबकि मृत्यु दर कम है। वहीं खास बात यह है कि पिछली बार कोरोना संक्रमण के शिकार ज्यादातर 59-60 साल के बुजुर्ग लोग हो रहे थे, वहीं इसी बार कोरोना 45-59 साल के बीच के लोगों को ज्यादा संक्रमित कर रहा है। इसकी मुख्य वजह यह है कि इस उम्र के लोग बाहर अपने काम से या नौकरी करने के लिए ज्यादा निकलते हैं। साथ ही इस उम्र के लोगों का अभी टीकाकरण भी किया जा रहा है।
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