आयुष्मान योजना के तहत डॉक्टरों द्वारा की जा रही मनमानी पर दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन हुआ सख्त

देहरादून। आयुष्मान योजना के तहत डॉक्टरों द्वारा की जा रही मनमानी पर दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन ने अब सख्ती अख्तियार की है। प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना के निर्देश पर एमएस डा. युसुफ रिजवी ने चार वरिष्ठ डॉक्टरों की एक ग्रीवांस कमेटी गठित की है। जो किसी भी शिकायत पर 24 घंटे में फैसला करेगी और इस समिति का फैसला सर्वमान्य होगा। अस्पताल के कई विभागों में भर्ती होने वाले मरीजों को टरकाने, उनके समय पर ऑपरेशन नहीं करने और अनस्पेसिफाई पैकेज देने की शिकायतें लगातार आ रही है। प्राचार्य द्वारा एक बैठक में डॉक्टरों पर सख्ती के बाद भी सुधार नहीं हुआ। कई अहम विभागों के डॉक्टरों द्वारा अनस्पेसिफाई पैकेजों में मरीजों एवं सिस्टम को उलझा दिया गया। इन पैकेजों के अप्रूवल में ही करीब तीन से चार दिन का समय लग जा रहा है, बुधवार को अफसरों की एक बैठक में कई ऐसे उदहारण रखे गए जिसमें डॉक्टरों की लापरवाही स्पष्ट तौर पर दिखी। जिसके बाद गुरुवार को एमएस ने एक कमेटी बना दी। आदेश के मुताबिक डीएमएस डा. धनंजय डोभाल, नोडल आयुष्मान डा. अनुराग अग्रवाल, एचओडी ऑर्थो डा. अनिल जोशी, एचओडी मेडिसन डा. नारायणजीत सिंह को सदस्य बनाया गया है। एमएस डा. युसुफ रिजवी ने बताया कि आयुष्मान योजना एक अहम योजना है। कई व्यवहारिक दिक्कतें आ रही है, जिनके समाधान को कमेटी गठित की गई है। जो 24 घंटे में हर शिकायत का निवारण करेगी। वहीं डॉक्टरों एवं स्टाफ के कार्यों पर भी निगरानी रखेगी।

कौन करे कार्रवाई

डॉक्टरों द्वारा मनमानी की शिकायतें लगातार आ रही है। नोडल, डीएमएस, एमएस और प्राचार्य के पास उदाहरण के साथ शिकायतें आई हैं। लेकिन कोई अफसर कार्रवाई का जिम्मा अपने ऊपर लेने को तैयार नहीं है। इसे लेकर चर्चाएं व्याप्त है। अब प्रबंधन द्वारा ग्रीवांस कमेटी बनाकर बीच का रास्ता निकाला गया है।

85 हजार का सामान लिख दिया

एक विभाग से एक डॉक्टर ने एक केस सर्जरी को दो हजार रुपये प्रतिदिन के अनस्पेसिफाई पैकेज में 85 हजार रुपये का सामान लिख दिया। आयुष्मान विंग, डीएमएस के हस्तक्षेप के बाद मामला पकड़ में आया। डॉक्टर से पता किया तो सामान गलती से इंपोर्टिड लिखने की बात स्वीकारी। उसके बाद यह मामला तूल पकड़ा है।


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