
देहरादून। उत्तराखंड राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ ने 14 नवंबर से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन और क्रमिक अनशन शुरू करने की घोषणा की है। संघ की मुख्य मांग है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं का मानदेय बढ़ाकर 24 हजार रुपये प्रति माह किया जाए।
बुधवार को प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में उत्तराखंड राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की प्रदेश अध्यक्ष सुशीला खत्री ने कहा कि सरकार लगातार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने आंदोलन किया था, जिसके बाद सरकार ने मानदेय वृद्धि के लिए एक कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया था, लेकिन यह कमेटी केवल कागजों तक ही सीमित रह गई।
सुशीला खत्री ने बताया कि 30 अक्तूबर को संघ ने अपनी मांगों को लेकर रैली भी निकाली थी। उस दौरान मुख्यमंत्री के समन्वयक ने ज्ञापन प्राप्त कर मुख्यमंत्री से वार्ता कराने का आश्वासन दिया था, किंतु 12 नवंबर तक भी कोई वार्ता नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि इसी कारण अब आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने आंदोलन का रास्ता अपनाने का निर्णय लिया है।
संघ की अध्यक्ष ने बताया कि संघ के प्रतिनिधिमंडल ने विभागीय मंत्री रेखा आर्या से भी मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा था, लेकिन वहां से भी कोई ठोस परिणाम नहीं निकला। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का कार्यभार लगातार बढ़ रहा है, किंतु उनके मानदेय में कोई वृद्धि नहीं की जा रही।
उन्होंने कहा कि गुजरात उच्च न्यायालय ने अपने एक फैसले में स्पष्ट रूप से माना है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को उनके कार्य के अनुरूप कम से कम 24 हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जाना चाहिए।
सरकार की उपेक्षा से नाराज होकर संघ ने 14 नवंबर से देहरादून स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय पार्क में अनिश्चितकालीन धरना और क्रमिक अनशन शुरू करने का निर्णय लिया है।
इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री ममता बादल, संरक्षक लक्ष्मी बिष्ट सहित अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।


