आंचल दूध के सैंपल फेल होने के मामले में शासन ने दिए जांच के आदेश

देहरादून। आंचल दूध के सैंपल फेल होने के मामले में शासन ने डीएम देहरादून को जांच के आदेश दिए हैं। सचिव दुग्ध विकास विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर एक सप्ताह में रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। वहीं विभाग ने दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के प्रधान प्रबंधक नरेंद्र सिंह से जवाब तलब किया है।
जिला खाद्य आपूर्ति विभाग ने जनवरी 2023 में दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ देहरादून से दूध की गुणवत्ता जांच के लिए नौ सैंपल लिए थे। जांच में आंचल गोल्ड मिल्क दूध में मैलामाइन की मात्रा निर्धारित मानकों से अधिक पाई गई। खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से तीन फरवरी 2023 को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत दुग्ध संघ को नोटिस जारी कर अपील प्रस्तुत करने के लिए 30 दिन का समय दिया गया था, लेकिन दुग्ध संघ के प्रधान प्रबंधक ने नोटिस पर कोई कार्रवाई नहीं की।

इस मामले में सचिव दुग्ध विकास डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने जिलाधिकारी देहरादून को जांच कर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। वहीं उत्तराखंड सहकारी डेयरी फेडरेशन के प्रबंध निदेशक जयदीप अरोड़ा ने भी दुग्ध संघ के प्रधान प्रबंधक से पूरे प्रकरण में जवाब तलब किया है।
इस संबंध में बीते बुधवार को बरेली रोड स्थित एक रेस्टोरेंट में उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन के प्रशासक मुकेश बोरा ने प्रेसवार्ता की थी। इस दौरान उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा विभाग देहरादून ने जनवरी में दूध के नौ सैंपल भरे थे। फरवरी में मिली जांच रिपोर्ट में आठ नमूने सही मिले, जबकि एक में मैलामाइन की मात्रा 2.58 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) मिली। मानक के अनुसार 2.50 पीपीएम होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि दुग्ध संघ दूध में मैलामाइन नहीं मिलाता। केवल गुणवत्ता वाला पाउडर मिलाता है।
विभाग ने पाउडर की भी जांच कराई जो सही निकला है। उन्होंने कहा कि शायद लैब में कर्मचारी द्वारा जांच में कोई मानवीय भूल हुई होगी। इसलिए ऐसी रिपोर्ट आई है। फिर भी फेडरेशन इस सैंपल की उच्च स्तरीय जांच गाजियाबाद की लैब में कराएगी। यह लापरवाही किस स्तर पर हुई है इसकी भी जांच की जा रही है। इस दौरान डीजीएम प्रशासन डॉ. एचएस कुटैला आदि मौजूद रहे।


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