गुलदार के भय से शाम होते ही घरों में कैद हो रहे लोग

पौड़ी। नैनीडांडा क्षेत्र के कई इलाकों में लंबे समय से गुलदारों का आतंक बढ़ता जा रहा है। हर क्षेत्र में गुलदार दिखाई दे रहे हैं व पालतू पशुओं को निवाला बना रहे हैं। गुलदार के भय से शाम को अंधेरा होने से पहले ग्रामीण अपने घरों में आने के लिए मजबूर हो गए हैं। छोटे बच्चों, खेत, गौशाला आदि में काम करने वाली, पशुओं के लिए घास चारा आदि का इंतजाम करने वाली महिलाओं के लिए खतरा बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों की मांग है कि वन विभाग जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए समुचित इंतजाम करे। हल्दूखाल, नैनीडांडा, खिरैरीखाल, भौन,पीपली, मोरगढ़, डडवाड़ी, खिरैरी, चरपाणी, कुलैंखांद, सल्डमहादेव, शंकरपुर, कसाना, नाला, छोटी दीवा, कोचियार, जड़ाऊखांद क्षेत्र में गुलदार देखे जाने, पालतू पशुओं को निवाला बनाने की घटनाएं आए दिन बढ़ती जा रही हैं। ग्राम प्रधान प्रियंका देवी ने बताया कि दो दिन पहले खिरैरी गांव के पास चरपाणी के धर्मपाल की एक गाय व एक बछड़े को गुलदार ने मार डाला। ज्येष्ठ उप प्रमुख ललित पटवाल ने बताया कि तीन दिन पहले पीपली के भूपेंद्र सिंह की पांच बकरियों को गुलदार ने एक साथ मार दिया था, जिसकी सूचना वन विभाग को दे दी गई थी। लोगों में चिंता इस बात की है कि पशुओं को निवाला बनाने वाला कभी मनुष्यों को भी न नुकसान पहुंचा दे। क्षेत्रीय वनाधिकारी एमएस रावत का कहना है कि जहां जहां से इस तरह की घटनाओं की सूचना मिल रही है वहां गश्त टीम भेजी जा रही है। साथ ही पशु हानि पर नियमानुसार मुआवजा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गांवों में आबादी क्षेत्र में झाड़ी कटान जरूरी है। घनी झाड़ियों के कारण जंगली जानवरों को छुपने की जगह मिल जाती है। लोगों से अपील की गई है कि सभी लोग सावधानी से आवागमन करें। जंगल में अकेले न जाएं व अंधेरा होने पर पैदल व दोपहिया वाहन से आवागमन न करें।