मलबा आने से 19 घंटे बंद रहा कालसी चकराता हाईवे

विकासनगर। समूचे जौनसार बावर की लाइफ लाइन कालसी चकराता स्टेट हाईवे भारी मलबा आने से करीब 19 घंटे तक बंद रहा। लोक निर्माण विभाग ने जेसीबी की मदद से मलबे को हटाकर यातायात सुचारु किया। दोपहर में बार-बार मोटर मार्ग पत्थर और मिट्टी गिरने से बंद होता रहा। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों को यातायात से जोड़ने वाले 26 अन्य मोटर मार्गों पर मलबा आने से यातायात व्यवस्था ठप रहीं।
समूचे जौनसार बावर को जोड़ने वाला कालसी-चकराता स्टेट हाईवे प्रमुख मार्गों में से एक है। इस मार्ग को जौनसार बावर की लाइफ लाइन भी कहा जाता है। गुरुवार शाम करीब छह बजे कालसी साहिया के बीच हुई बारिश से जजरेट, शंभू की चौकी, चापनू, असनाडी सहित कई जगह पर भारी मलबा आ गया। इससे मार्ग बंद हो गया था, जो शुक्रवार की सुबह करीब 11 बजे खुल सका। मोटर मार्ग बंद होने से सैंकड़ों वाहन जजरेट के पास फंसे रहे। करीब 19 घंटे बाद मार्ग खुलने से यातायात सुचारु हो सका।

यही नहीं क्षेत्र के अधिकांश शिक्षक- शिक्षिकाएं व विभिन्न सरकारी, गैर सरकारी संस्थाओं में काम करने वाले लोग भी देरी से अपने कार्यालय पंहुचे। कई विद्यालयों में तो शिक्षक शिक्षिकाएं पंहुचे ही नहीं। जबकि बच्चे स्कूलों में पंहुचे हुए थे। काफी देर इंतजार करने के बाद बच्चे भी वापस घर चले गए। मोटर मार्ग बंद होने का सबसे ज्यादा नुकसान काश्तकारों को उठाना पड़ा। जिन्हें आधे दामों पर अपनी नगदी फसलों को बेचना पड़ा। स्थानीय निवासी सुरेंद्र सिंह चौहान, परम सिंह तोमर, चमन सिंह बिष्ट, इन्दर सिंह, प्रेम सिंह तोमर आदि लोगों का कहना है कि सड़क बंद होने का खामियाजा सीधा काश्तकारों को भुगतना पड़ता है। उधर, लोनिवि साहिया के अधिशासी अभियंता प्रत्यूष कुमार ने बताया कि जगह जगह आया बरसाती मलबा हटवाने के लिए दो जेसीबी व दो एलएनटी मशीनें लगानी पड़ी। पत्थर व मिट्टी बार बार आने से मोटर मार्ग बाधित होता रहा। बताया कि मोटर मार्ग को दोपहर तक पूरी तरह से खोल दिया गया।

ये मोटर मार्ग रहे बंद
जौनसार बावर के ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाले करीब 26 अन्य मोटर मार्गों पर भी मलबा आ गया।इससे यातायात उक्त मार्ग पर दोपहर तक बंद रहा। इनमें विकासनगर क्षेत्र का लांघा मटोगी के अलावा जौनसार बावर के मिंडाल, टिपराड, मरलऊ बडोडा, गोराघाटी मानथात, कोटी कनासर रजाणू, चकराता लाखामंडल, डिरनाड पुरटाड, कालसी चकराता, काहा नेहरा पुनाह, हाइया अलसी, बिजऊ क्वैथा खतार, मुंशी घाटी ध्वैरा, शंभू की चोकी पंजिया, बिसोगलानी जोशी गोथान,शहीद सुरेश तोमर, किमाडी रिखोली, सोडा सरोली, ध्वैरा देऊ, झिटाड, गडोल सकरोल, डिमिच, दमन दसेऊ, लेल्टा मंडोली, डिरनाड, मेघाटू, हरबर्टपुर यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल रहे।