
देहरादून। उत्तराखंड की आवाज संगठन, उत्तराखंड पूर्व सैनिक व अर्धसैनिक संगठन और बेरोजगार महासंघ ने उपनल को सभी के लिए खोलने का विरोध किया है। साथ ही सरकार के इस निर्णय पर पुर्नविचार करने की मांग की है। गुरुवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब सभागार में आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता में उत्तराखंड पूर्व सैनिक व अर्द्ध सैनिक संगठन के अध्यक्ष सेनि. ब्रिगेडियर विनोद पसबोला ने कहा कि उपनल की स्थापना पूर्व सैनिक व उनके आश्रितों को रोजगार देने के लिए हुई थी। कहा कि सैनिक 30 साल की उम्र से रिटायर होने शुरू हो जाते हैं। ऐसे में वह अपने परिवार का पालन पोषण कैसे करेगा। कहा कि उपनल की नौकरी पक्की नहीं होती। यह पूर्व सैनिकों के लिए तो ठीक है। पर शिक्षित बेरोजगारों के लिए यह मात्र धोखा है।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार बेरोजगारों का हित करना चाहती है तो राज्य के विभिन्न्न विभागों में रिक्त पड़े पदों को भरने के लिए विशेष अभियान चलाए। इस दौरान उत्तराखंड की आवाज के मुख्य संयोजक रविंद्र जुगरान, रघुवीर सिंह बिष्ट, जगमोहन सिंह नेगी, प्रदीप कुकरेती, उत्तराखंड पूर्व सैनिक अर्धसैनिक संगठन के महामंत्री पीसी थपलियाल, संरक्षक एसएस पांगती, उत्त्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार आदि मौजूद रहे।