तीन दिन बाद पोलैंड में नसीब हुआ चमोली की योगिता को भोजन

चमोली। रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने की जानकारी मिलते ही सभी छात्र दहशत में आ गए। डर और खौफ के बीच सभी छात्रों को बंकर में जाने के निर्देश दिए गए। जहां छह दिन तक उन्हें दहशत के साए में रहना पड़ा। इस दौरान कई छात्र-छात्राओं को भोजन तक नसीब नहीं हुआ।
जंग के बीच यूक्रेन से बाहर निकलने में कामयाब रही चमोली जिले के मजोठी गांव निवासी योगिता दहशत के वह पल परिजनों से साझा किए। योगिता ने बताया कि जंग शुरू होने के बाद हड़कंप मच गया था। सुरक्षा के लिए सभी को बंकर में ले जाया गया। बताया कि बीते तीन दिन से उन्होंने भोजन तक नहीं किया। तमाम मुश्किलों के बाद बुधवार को आंखिरकार वह और उनके 70 अन्य साथी यूक्रेन से बाहर निकलने में कामयाब हुए। बताया कि पोलेंड पहुंचने पर उन्होंने तीन दिन बार भोजन किया। बताया कि हालात इतने खराब थे कि एक-एक पल दहशत के साए में बीता। योगिता के साथ हल्द्वानी निवासी एक अन्य छात्रा इस समय गेस्ट हाउस में रुके हुए हैं। उन्हें भारत सरकार के विमान का इंतजार है।

योगिता सहित तीन अन्य यूक्रेन से निकले
चमोली के जिला अधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया जानकारी के अनुसार यूक्रेन की राजधानी कीव में मेडिकल की छात्रा मजोठी गांव की रहने वाली योगिता पोलेंड पहुंच गई है। यह जानकारी उनके पिता हरि सिंह फर्स्वाण ने दी है। इसके अलावा यूक्रेन के ओडीसा शहर में मेडिकल की पढ़ाई कर रही कनुप्रिया भी रोमानिया पहुंच गई है। इसके अलावा होटल व्यवसाय से जुड़े मठ झड़ेता के मोहन सिंह दिल्ली पहुंच गए हैं। जबकि दूसरे व्यवसायी छिनका बोंला के दिनेश सिंह यूक्रेन से निकलकर मोलडोबा पहुंच गये हैं।