स्वजल कर्मचारियों को उपनल की तरह वेतन देने वाला आदेश निरस्त
नैनीताल। हाई कोर्ट से स्वजल कर्मचारियों को उपनल की तरह सैलरी देने वाले सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया है। स्वजल कर्मचारियों को अविभाजित यूपी के दौर में यूपी सैनिक कल्याण निगम के माध्यम से नौकरी दी गई थी और राज्य कर्मचारियों की भांति चौथा और पांचवा वेतनमान भी दिया गया था। उत्तराखंड बनने के बाद छठा और सातवां वेतन भी इसी सेवा शर्तों के हिसाब से दिया गया।
2017 में इन कर्मचारियों को उपनल की तरह सैलरी देने का निर्णय लिया गया तो हाई कोर्ट में उसको चुनौती दे दी गई। हालांकि सरकार ने अपना फैसला वापस लेने की बात कोर्ट में कही, लेकिन 21 अगस्त 2021 को सरकार ने जीओ जारी कर इनको फिर उपनल की भांति ही सैलरी देने का निर्णय लिया। सरकार के इस निर्णय को गलत बताते हुए स्वजल कर्मचारी संघ ने याचिका दायर कर हाईकोर्ट में चुनौती दी। न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने पूरे मामले पर सुनवाई कर पेयजल सचिव के पांच फरवरी व निदेशक स्वजल के 12 फरवरी के साथ 21 अगस्त को जारी आदेश निरस्त कर दिया।