
बागेश्वर। बारिश का दौर जिलेभर में जारी है। मंगलवार की रात से बुधवार की सुबह तक जिलेभर में बारिश होती रही। इससे जनजीवन प्रभावित हो गया है। चार मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं। कई घर खतरे की जद में हैं। जिले की 11 सडक़ों पर यातायात ठप है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों की परेशानी बढ़ती जा रही है। कपकोट तहसील में मानसून के दौरान सबसे अधिक बारिश हो रही थी। हालांकि मंगलवार की रात को गरुड़ क्षेत्र में 20 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। बागेश्वर तहसील में 17.50 और कपकोट में 10 मिमी बारिश हुई। लगातार बारिश से बागेश्वर तहसील के गैराड़ गांव निवासी गोविंद राम, शीशाखानी निवासी शोभा देवी, जौलकांडे निवासी नीमा देवी और कपकोट तहसील के भैसुड़ी कुटेर गांव निवासी भगत राम के घर तीक्ष्ण क्षतिग्रस्त हो गए। सभी प्रभावित परिवारों को पड़ोस या अन्यत्र शरण दी गई है। इसके अलावा दुगनाकुरी तहसील के कुरौली गांव निवासी महेश भौर्याल और बागेश्वर तहसील के बिलौना निवासी गोविंद राम का पक्का मकान आंशिक रूप से टूट गए। प्रशासन की टीमों ने सभी प्रभावित स्थानों पर जाकर नुकसान का आंकलन किया। पीडि़त लोगों को सरकारी सहायता भी उलपब्ध कराई। बाकी नुकसान की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जिसके आधार पर उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। इधर लगातार बारिश के बाद सरयू नदी का जलस्तर 866.90 और गोमती नदी
का 863.20 मीटर पहुंच गया।
इन सडक़ों पर बाधित है यातायात: जिले की कई सडक़ों पर बुधवार को भी यातायात बाधित रहा। जिनमें थुणाई-मिहिनियां, शामा-लीती-गोगिना, सनगाड़-बास्ती, धपोली-जेठाई, वियजपुर-पैंसिया, हरसीला-पुडक़ूनी, कपकोट-कर्मी-तोली, धरमघर-माजखेत, रौल्यांना-लोहागढ़ी, तल्लीसेरा-सिमतोली, भनार-नामतीचेटाबगड़ आदि सडक़ें बंद होने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं तीन सडक़ों को खोलने में विभाग सफल भी रहा।
बिजली पानी का संकट: कांडा क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांवों की बिजली रात से गुल थी। करीब 14 घंटे बाद क्षेत्र में बिजली आपूर्ति सुचारू हो सकी। वहीं कपकोट क्षेत्र के लोगों को भी बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है। इधर नगरीय क्षेत्र से लेकर गरुड़ व कपकोट के कई गांवों में अब भी पेयजल संकट बना हुआ है।