एम्स ऋषिकेश में ब्लैक फंगस के 22 केस
ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में ब्लैक फंगस संक्रमित मरीजों की संख्या 22 हो गई है। सोमवार को उत्तर प्रदेश के तीन, एक-एक देहरादून और ऊधमसिंह नगर से यहां भर्ती किए गए हैं। आपको बता दें कि इससे संक्रमित एक मरीज की मौत भी हो चुकी है, जो राज्य में ब्लैक फंगस से हुई पहली मौत है। एम्स ऋषिकेश के ब्लैक फंगस ट्रीटमेंट टीम के लीडर व ईएनटी सर्जन डॉ. अमित त्यागी ने बताया कि सोमवार को दोपहर में उत्तर प्रदेश से दो और मरीज ऐसे यहां भर्ती किए गए हैं, जो कोरोना के साथ ब्लैक फंगस संक्रमित हैं। वहीं, शाम को तीन और मरीज भर्ती हुए जो यूपी, देहरादून और ऊधमसिंहनगर के हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दस दिनों में सभी जगह इस तरह के मरीजों की संख्या तेजी के साथ बढ़ी है। 14 मई को देहरादून निवासी 36 वर्षीय एक मरीज की गंभीर अवस्था में मृत्यु हो गई थी। 15 डॉक्टरों की टीम इस तरह के मरीजों का उपचार और निगरानी कर रही है। ब्लैक फंगस संक्रमित मरीजों के लिए अलग से वार्ड बना दिया गया है। उन्होंने बताया कि 13 मरीजों को ऑपरेट किया जा चुका है, बाकी का उपचार चल रहा है। यहां भर्ती ब्लैक फंगस संक्रमण से संबंधित 12 मरीज उत्तराखंड से हैं और सात मरीज उत्तर प्रदेश से है।डॉ. अमित त्यागी ने बताया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में ब्लैक फंगस के मामले सामने आने के बाद एम्स प्रशासन ने यहां आने वाला मरीज कोरोना संक्रमित होने के साथ यदि डायबिटीज और हाइपरटेंशन का मरीज है तो उसकी ब्लैक फंगस जांच अनिवार्य कर दी गई है। एम्स में अब तक भर्ती होने वाले मरीज की आरटी पीसीआर जांच की जाती थी। अब क्योंकि ब्लैक फंगस के मामले तेजी के साथ सामने आ गए हैं। इसलिए संक्रमित मरीज यदि पहले से डायबिटीज और हाइपरटेंशन से ग्रसित है तो उसके लिए ब्लैक फंगस की जांच अनिवार्य कर दी गई हैं। यह व्यवस्था सोमवार से लागू कर दी गई है।