अनाथ बच्चे गोद लेने के मैसेज से सावधान: मातृत्व का सौदा कर रहे साइबर ठग

फर्जी मैसेज बनाकर वायरल करने के बाद जरूरतमंद को अपना शिकार बना रहे हैं

रुद्रपुर। अगर आप नि:संतान हैं, बच्चा गोद लेने के इच्छुक हैं, तो नियमानुसार ही गोद लें। अन्यथा किसी बड़ी ठगी के शिकार हो सकते हैं। इंटरनेट मीडिया पर कुछ साइबर ठग जाल में फंसाकर मातृत्व का सौदा कर रहे हैं। फर्जी मैसेज बनाकर वायरल करने के बाद जरूरतमंद को अपना शिकार बना रहे हैं। वर्तमान में इंटरनेट मीडिया पर 60 फीसद से अधिक लोग जुड़ चुके हैं। लॉकडाउन का समय है, कोविड के चलते लोग अपने-अपने घरों में बैठकर टाइमपास के लिए मोबाइल फोन का खुलकर प्रयोग कर रहे हैं। फेसबुक, व्हाट्सप्प, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम सहित अन्य सोशल साइट्स पर समय बिता रहे हैं। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए इंटरनेट मीडिया के माध्यम से ठगी करने वालों ने भी अपनी चालबाजी शुरू कर दी है। कुछ दिनों पहले फेसबुक से किसी व्यक्ति की आइडी का क्लोन बनाकर जानने वालों से रुपये की डिमांड कर रहे थे, लेकिन अब कोविड का सहारा ले रहे हैं। मैसेज हिंदी एवं अंग्रेजी में बनाकर जिसमें माता-पिता की मौत के बाद दो बच्चों के अनाथ होने का हवाला दे रहे हैं। साथ ही नंबर जारी किया है, जिस पर कॉल करते ही लोग उसके झांसे में आ रहे हैं।

इस तरह के मैसेज हो रहे वायरल: विभिन्न ग्रुप एवं सोशल साइट्स पर वायरल मैसेज में लिखा है जिस किसी सज्जन को बेटी व बेटा गोद लेना हो तो प्रियंका से संपर्क करें। एक तीन दिन की लडक़ी व छह माह का बेटा है। कोविड के चलते दोनों के माता पिता नहीं रहे। कृपया इन बच्चों की मदद करें। साथ ही इस मैसेज को शेयर कर दें ताकि इसे मदद मिल सके।

ऐसे बनाते हैं शिकार: इंटरनेट मीडिया पर वायरल मैसेज पढ़ते ही निःसंतान दंपती या फिर जो उनकी मदद करने या फिर गोद लेेने का इच्छुक होता है, तैयार हो जाते हैं। जैस ही वह दिए गए नंबर पर काल करता है तो काल आटोमेटिक डिस्कनेक्ट हो जाता है। कुछ देर के बाद एक नए नंबर से काल आएगा और पूछेगा कि आप बच्चा गोद लेना चाहते हैं। क्या यह नेक काम करना चाहेंगे। इसके बाद हामी भरने पर वह बच्चों की डिटेल और फोटो भेजने की बात कहकर लिंक शेयर करेगा। लिंक पर क्लिक करते ही अकाउंट से रुपये निकल जाते हैं।
चाइल्ड लाइन की सायरा बानो ने बताया कि बच्चे को गोद इस प्रकार लेना और देना दोनों दंडनीय है। गोद लेने के लिए लीगल प्रोसेस में आना होगा। पहले चाइल्ड लाइन फिर शेल्टर प्रोसेस अपनाया जाता है। इस प्रकार के मैसेज फेक हैं। कोई सूचना नहीं है।
एसएसपी, एसटीएफ अजय सिंह का कहना है कि उत्तराखंड में इस तरह का मामला अभी तक दर्ज नहीं हुआ है और न ही अब तक कोई ठगी का शिकार होने का मामला सामने आया है। केस मिलने पर पुलिस आवश्यक कार्रवाई करेगी।

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