
देहरादून। सतर्कता अधिष्ठान ने वर्ष 2025 के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए प्रभावी कार्रवाई की और विभिन्न विभागों में रिश्वतखोरी पर नकेल कसी। सतर्कता अधिष्ठान मुख्यालय, देहरादून में आयोजित प्रेस वार्ता में निदेशक सतर्कता वी. मुरुगेसन ने वर्षभर की उपलब्धियों और भविष्य की कार्ययोजना की जानकारी दी। प्रेस वार्ता में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सतर्कता अधिष्ठान मुख्यालय प्रहलाद नारायण मीणा और पुलिस अधीक्षक सेक्टर देहरादून स्वतंत्र कुमार सिंह भी मौजूद रहे।
निदेशक सतर्कता वी. मुरुगेसन ने बताया कि मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत वर्ष 2025 में सतर्कता अधिष्ठान ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। वर्षभर में 21 ट्रैप मामलों में विभिन्न विभागों के 26 अभियुक्तों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। इनमें छह राजपत्रित और 20 अराजपत्रित अधिकारी-कर्मचारी शामिल रहे। इन मामलों में कुल 5 लाख 94 हजार 100 रुपये की रिश्वत राशि बरामद की गई। इसके अतिरिक्त टोल फ्री नंबर 1064 पर प्राप्त शिकायतों पर त्वरित संज्ञान लेते हुए 14 मामलों में 17 अभियुक्तों को रिश्वत लेते पकड़ा गया। सफल ट्रैप कार्रवाइयों में शामिल टीमों को प्रोत्साहित करने के लिए नगद पुरस्कार देने की घोषणा भी की गई।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 में कुल 28 प्रकरणों का निस्तारण किया गया, जिनमें पांच खुली जांच, दो अन्वेषण और 21 ट्रैप मामले शामिल रहे। इसी अवधि में आय से अधिक संपत्ति के 20 मामलों की जांच आख्या शासन को भेजी गई। सतर्कता अधिष्ठान की प्रभावी पैरवी के चलते भ्रष्टाचार से जुड़े छह मामलों में से तीन में अभियुक्तों को सजा भी सुनाई गई।
सतर्कता अधिष्ठान को वर्षभर में टोल फ्री नंबर और वेबसाइट के माध्यम से कुल 2209 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 470 शिकायतों में विजिलेंस एंगल पाया गया। इन मामलों में 14 पर ट्रैप कार्रवाई की गई, दो शिकायतों को खुली जांच के लिए शासन को भेजा गया, जबकि 83 शिकायतें संबंधित विभागों को आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रेषित की गईं। शिकायतकर्ताओं को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से बनाए गए रिवॉल्विंग फंड के तहत अब तक 15 शिकायतकर्ताओं को 2 लाख 47 हजार 500 रुपये की राशि लौटाई गई है।
भविष्य की कार्ययोजना पर प्रकाश डालते हुए निदेशक सतर्कता ने बताया कि लंबित मामलों का शीघ्र निस्तारण प्राथमिकता में रहेगा। इसके साथ ही केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय कर अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रशिक्षण, शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी विभागों में जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने तथा पर्वतीय जनपदों में भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाइन 9456592300 को चौबीसों घंटे सक्रिय रखने की दिशा में भी कदम उठाए जाएंगे।


