
देहरादून(आरएनएस)। उद्योगों को रात्रि पाली में महिला कर्मचारी की सुरक्षा के लिए उनके निवास स्थान तक सुरक्षित पिकअप और ड्राप की सुविधा देनी होगी। वाहन में जीपीएस लगा हो और पैनिक बटन की व्यवस्था अनिवार्य होगी। वाहन चालक और परिचालक का पुलिस सत्यापन भी आवश्यक होगा। हाल ही में कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड दुकान और स्थापन (रोजगार विनियमन और सेवा शर्त) अधिनियम को मंजूरी दी गई और अधिसूचना जारी कर इसे नियमों के साथ लागू कर दिया गया है। नये नियमों के अनुसार अब सभी प्रतिष्ठानों व उद्योगों में महिलाएं रात्रि पाली में रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक कार्य कर सकेंगी। महिला कर्मचारियों की सुरक्षा व अधिकारों को ध्यान में रखते हुए कई अनिवार्य शर्तें भी निर्धारित की हैं। प्रथम शर्त के अनुसार, रात्रि पाली में काम करने के लिए महिला कर्मकारों की सहमति अनिवार्य होगी। यदि कोई महिला रात्रि शिफ्ट में कार्य से इन्कार करती है, तो कंपनी प्रबंधन की ओर से से बाध्य नहीं किया जाएगा। साथ ही, गर्भवती या प्रसूति की स्थिति में कंपनी को रोजगार से संबंधित सभी प्रविधान मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 के अनुरूप देने होंगे। महिला कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए कंपनी प्रबंधन को श्रम अधिकारी और स्थानीय थाना प्रभारी को कार्य की जानकारी उपलब्ध करानी होगी।
शौचालय, चेंजिंग रूम, पेयजल जैसी सुविधा देनी होगी: सभी उद्योगों पर सुरक्षित, स्वस्थ व संरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना होगा। शौचालय, चेंजिंग रूम और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना कंपनी प्रबंधन की जिम्मेदारी होगी। साथ ही, लैंगिक उत्पीड़न से संबंधित 2013 के अधिनियम का पूर्ण अनुपालन करना होगा।
दुकानों और प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे स्थापित होंगे: महिला सुरक्षा के लिए दुकानों और उद्योगों के प्रवेश-द्वारों व कार्यस्थलों पर सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए जाएंगे और उन्हें निरंतर क्रियाशील रखा जाएगा।
सरकार के इस निर्णय से राज्य में महिलाओं की कार्य भागीदारी बढ़ेगी और उन्हें नए क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। आदेश में शामिल किए गए सभी नियमों का शत प्रतिशत पालन करना होगा। -डा. श्रीधर बाबू अद्दांकी, श्रम सचिव

