
ढाका। बांग्लादेश में चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसा और अराजकता की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसी बीच अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा ने गंभीर चिंता पैदा कर दी है। मयमनसिंह जिले के भालुका उपजिला में भीड़ ने एक हिंदू युवक की बेरहमी से हत्या कर दी। हत्या के बाद युवक के शव को आग के हवाले कर दिया गया, जिससे इलाके में तनाव फैल गया।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह घटना भालुका उपजिला के स्क्वायर मास्टरबाड़ी इलाके में स्थित पायनियर निट कम्पोजिट फैक्ट्री में हुई। मृतक की पहचान 30 वर्षीय दीपू चंद्र दास के रूप में हुई है, जो इसी फैक्ट्री में कार्यरत था और मयमनसिंह के तारकंडा उपजिला का निवासी था। आरोप है कि फैक्ट्री में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उस पर इस्लाम और पैगंबर मुहम्मद के अपमान की टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया, जिसके बाद गुस्साई भीड़ ने उस पर हमला कर दिया।
बताया गया कि भीड़ ने दीपू चंद्र दास को बुरी तरह पीटा, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद हालात और भयावह हो गए। भीड़ शव को स्क्वायर मास्टरबाड़ी बस स्टैंड क्षेत्र में ले गई, उसे रस्सी से एक पेड़ से बांधा और नारेबाजी करते हुए उसमें आग लगा दी। इसके बाद भी हिंसा थमी नहीं। शव को ढाका–मयमनसिंह हाईवे पर ले जाकर फिर से आगजनी की गई, जिससे कुछ समय के लिए यातायात बाधित हो गया और क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया।
घटना के बाद इलाके में तनाव को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई। भालुका उपजिला के कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद फिरोज हुसैन ने पुष्टि करते हुए कहा कि पैगंबर के अपमान के आरोप में एक व्यक्ति की हत्या की गई है और मामले की जांच की जा रही है।
इस घटना पर बांग्लादेश के पूर्व मंत्री और अवामी लीग के नेता मोहम्मद अली अराफात ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में देश में कट्टरपंथ तेजी से बढ़ रहा है, जो बांग्लादेश की सामाजिक एकता और लोकतांत्रिक ढांचे के लिए गंभीर खतरा है।

