
देहरादून(आरएनएस)। अशासकीय वित्त विहीन मान्यता प्राप्त विद्यालय प्रबंधन शिक्षक संघ ने प्रदेश के करीब तीन हजार अशासकीय गैर अनुदानित स्कूलों ने सरकार से अनुदान देने की मांग दोहराई है। स्कूल प्रबंधकों और शिक्षकों का कहना है कि पिछले नौ वर्षों से वेतन अनुदान दिए जाने का आग्रह किया जा रहा है, लेकिन सरकार कोई निर्णय नहीं ले रही। उन्होंने एक जनवरी से आंदोलन की चेतावनी दी है। शुक्रवार को प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में अशासकीय वित्त विहीन मान्यता प्राप्त विद्यालय प्रबंधन शिक्षक संघ के अध्यक्ष विजेंद्र गुसाईं, महामंत्री अरविंद रौथाण ने कहा कि जिस वक्त प्रदेश में सरकारों के जगह जगह खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में स्कूल खोलने के संसाधन नहीं थे उस वक्त निजी लोगों ने कमेटियां बनाकर स्कूल खोले। जिनमें स्थानीय पढ़े लिखे प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार दिया और बच्चों को शिक्षा दी। बाद में सरकार ने उन्हें अनुदान में शामिल करने का आश्वासन दिया था। इसमें से कईयों को अनुदान सूची में शामिल किया भी गया। लेकिन 2017 में सरकार ने एक जीओ करके अनुदान खत्म कर दिया और केवल आवर्ती सहायता देने की बात कह दी। जो कि जूनियर हाईस्कूल को एक लाख, हाईस्कूल दो लाख और इंटर को तीन लाख एक साल के लिए मिला। जिसके बाद से आज तक करीब तीन हजार स्कूल अनुदान की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकारें सुन नहीं रही हैं। अशासकीय वेतन अनुदान संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने एक जनवरी तक सकारात्मक कदम नहीं उठाया तो आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस दौरान अशासकीय माध्यमिक शिक्षक संगठन के प्रांतीय महामंत्री महादेव मैठाणी और कोषाध्यक्ष सुखपाल कोली सहित कई लोग मौजूद रहे।


