
नैनीताल। प्रदेश के एलटी शिक्षकों और प्रवक्ताओं की पदोन्नति में लंबे समय से चल रही देरी पर हाईकोर्ट ने गंभीर रुख अपनाते हुए गुरुवार को हुई सुनवाई में सरकार को वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति निर्धारण करते हुए वरिष्ठता सूची जारी करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंदर और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने साफ कहा कि योग्य शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ प्रदान किया जाए।
मामले में कई याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की गई। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि एलटी शिक्षक और प्रवक्ता वर्षों से पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन सरकार इस पर कोई निर्णय नहीं ले रही है। कई शिक्षक सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं और उन्हें ग्रेच्युटी व पेंशन का लाभ मिल चुका है, जबकि पदोन्नति का उनका दावा अब भी लंबित है।
याचिकाकर्ताओं ने प्रधानाचार्य पद की सीधी भर्ती का भी विरोध किया और मांग की कि यह पद पदोन्नति से ही भरा जाए। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि सुप्रीम कोर्ट के ‘भुवन चंद्र कांडपाल’ मामले में पारित आदेश के आधार पर पदोन्नति दी जानी चाहिए।
इस प्रकरण में त्रिविक्रम सिंह, लक्ष्मण सिंह खाती और अन्य शिक्षकों ने याचिकाएं दायर की हैं, जिन पर अगली सुनवाई तक सरकार से अनुपालन की अपेक्षा की गई है।



