
अल्मोड़ा। उत्तराखंड राज्य गठन की रजत जयंती के अवसर पर सोमवार को द्वारसों में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में राज्य की वर्तमान सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में महंगाई, बेरोजगारी, भूमि कानून, भूमि सुधार तथा राज्य के प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण जैसे मुद्दों पर चिंता व्यक्त की गई। वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड राज्य की स्थापना जिन आदर्शों और जन आकांक्षाओं के साथ हुई थी, उन्हें साकार करने के लिए जनहित की नीतियों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने नैनीसार और डांडा कांडा आंदोलनों से जुड़े जनसंघर्षों को राज्य के जनआंदोलन की प्रेरक धारा बताया। परिचर्चा के दौरान प्रतिभागियों ने स्मार्ट मीटरों की जबरन स्थापना का विरोध किया। उन्होंने कहा कि बिना जनता की अनुमति के मीटर लगाए जाना अनुचित है और इससे आम नागरिकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि ‘जल, जंगल और ज़मीन’ से जुड़े प्रश्नों तथा नैनीसार और डांडा कांडा जैसे जनसंघर्षों पर विस्तार से चर्चा के लिए अगली बैठक 18 नवम्बर को आयोजित की जाएगी। बैठक में पी.सी. तिवारी, अधिवक्ता विनोद तिवारी, ममता बिष्ट, पूजा, ममता जोशी, गोपाल राम, राजेन्द्र सिंह, पद्म सिंह, किशन सिंह, गिरधारी कांडपाल और गणेश सहित कई कार्यकर्ता व स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। बैठक का समापन राज्य की जनता के हक-हकूक और जनसंघर्षों को और सशक्त बनाने के संकल्प के साथ किया गया।






