
अल्मोड़ा। उत्तराखंड राज्य स्थापना के 25वें वर्ष को ‘देवभूमि रजत उत्सव’ के रूप में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर ग्राम्य विकास विभाग के तत्वावधान में 6 से 7 नवम्बर तक मल्ला महल, अल्मोड़ा में ‘उद्यमिता और स्वदेशी उत्पाद व्यापार संगोष्ठी एवं स्वदेशी उत्पाद और कौशल विकास प्रदर्शनी’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दूसरे दिन शुक्रवार को सामुदायिक संगठनों द्वारा निर्मित स्वदेशी उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई। विभिन्न स्वयं सहायता समूहों, सहकारी संस्थाओं और विभागों ने अपने-अपने उत्पादों का प्रदर्शन और विपणन किया। दो दिनों में प्रदर्शनी के दौरान लगभग 51 हजार रुपये के उत्पादों की बिक्री हुई। इस अवसर पर पारंपरिक कला को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से ऐपण और पेंटिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें कुल 52 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इनमें 13 वर्ष के एक बाल कलाकार ने भी अपनी कला का प्रदर्शन कर सभी का ध्यान आकर्षित किया। प्रतियोगिता का उद्देश्य पारंपरिक ऐपण कला को बढ़ावा देना और नई पीढ़ी में इसके प्रति रुचि जागृत करना था। प्रतिभागियों ने पारंपरिक ऐपण कला की विभिन्न झलकियों को प्रस्तुत किया। बक्शीखोला की वरिष्ठ ऐपण कलाकार प्रेमा जोशी ने गेरू और बिस्वार से पारंपरिक स्नान चौकी तैयार कर अपनी कला का अद्भुत प्रदर्शन किया। उनके साथ अन्य कलाकारों ने भी विभिन्न शैली की कलाकृतियों से लोगों को प्रभावित किया। ऐपण प्रतियोगिता में प्रेमा जोशी को प्रथम, कंचन को द्वितीय और सीमा चौधरी को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। वहीं पेंटिंग प्रतियोगिता में अंकित सिंह ने प्रथम, निशा चौहान ने द्वितीय और नयन पंत ने तृतीय स्थान हासिल किया। कार्यक्रम के दौरान समूह की महिलाओं ने झोड़ा और पारंपरिक गीतों की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम में सांस्कृतिक रंग भरे। जिला विकास अधिकारी ने विजेताओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।




