
अल्मोड़ा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अल्मोड़ा द्वारा शनिवार को विजयादशमी उत्सव का आयोजन डाइट ग्राउंड में किया गया। कार्यक्रम में उत्तराखंड प्रांत के प्रांत शारीरिक प्रमुख सुनील मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने संघ की स्थापना, उद्देश्य और राष्ट्र निर्माण में उसकी भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम का एकत्रीकरण डाइट ग्राउंड में हुआ, जिसके बाद पथ संचलन निकाला गया। संचलन डाइट फील्ड से शुरू होकर गणेश मंदिर मार्ग होते हुए शिवाजी नगर तक पहुंचा। रास्ते में नगरवासियों ने पुष्पवर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया, जिससे वातावरण में देशभक्ति और उत्साह की झलक दिखाई दी। मुख्य वक्ता ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने 27 सितंबर 1925 को विजयादशमी के दिन की थी। इसका उद्देश्य भारत को संगठित, सशक्त और आत्मगौरव से परिपूर्ण राष्ट्र के रूप में प्रतिष्ठित करना था। उन्होंने बताया कि संघ का कार्य किसी एक वर्ग या क्षेत्र तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे समाज के उत्थान के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि संघ का स्वयंसेवक किसी जाति, धर्म या भाषा के भेदभाव में विश्वास नहीं करता। वह ‘मैं’ नहीं, बल्कि ‘हम’ की भावना से कार्य करता है। स्वयंसेवक की पहचान उसके व्यवहार, सेवा और विनम्रता से होती है, न कि किसी परिचय पत्र से। विजयादशमी के महत्व पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह पर्व असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि संघ अपने शताब्दी वर्ष के अवसर पर ‘पंच परिवर्तन’ के माध्यम से व्यक्ति, परिवार, समाज, संगठन और राष्ट्र में सकारात्मक बदलाव का संकल्प ले रहा है। प्रत्येक स्वयंसेवक को इस दिन समाज और राष्ट्र के उत्थान के लिए निःस्वार्थ भाव से कार्य करने का संकल्प लेना चाहिए। कार्यक्रम में 108 स्वयंसेवक और नागरिक शामिल हुए।