
रुद्रप्रयाग(आरएनएस)। राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व प्रान्तीय प्रवक्ता कालिका प्रसाद सेमवाल ने राजकीय शिक्षकों की मांगों का पूर्ण समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को प्रोन्नतियों से वंचित रखना उनके मौलिक अधिकारों पर कुठाराघात है। उत्तराखंड का शिक्षा विभाग आज जंगलराज का शिकार हो चुका है। प्रधानाचार्य पद पर सीधी भर्ती करना पूरी तरह गलत है। प्रेस को जारी बयान में सेमवाल ने कहा कि वे स्वयं छत्तीस वर्षों की सेवा के बाद भी प्रोन्नति नहीं पा सके। बिना प्रोन्नति पाए ही सेवानिवृत्त हो गए, ऐसे सैकड़ों शिक्षक हैं जो विभाग की गलत नीतियों के शिकार हो रहे हैं। पूर्व प्रान्तीय प्रवक्ता ने कहा कि राज्य गठन के बाद जो लोग वरिष्ठता का कार्य कर रहे थे, वे अज्ञानी थे तथा वरिष्ठता का निर्धारण ऐसा किया कि वरिष्ठ को कनिष्ठ तथा कनिष्ठ को वरिष्ठ बना दिया। सेमवाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश में जो तथाकथित पीईएस की भर्ती हुई, उसमें योग्यता राजकोष से वेतन आहरण व तीन वर्ष की प्रवक्ता सेवा रखी गई, जो आम शिक्षक के अधिकारों पर कुठाराघात था। जिसके परिणाम स्वरूप सैकड़ों योग्य शिक्षक पीईएस बनने से वंचित रह गए। ऐसा ही प्रधानाचार्य भर्ती में भी होगा। उन्होंने सरकार से शीघ्र शिक्षकों की मांग को मानने का आग्रह किया है।