
देहरादून(आरएनएस)। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उत्तराखंड अधीनस्थव सेवा चयन आयोग की ओर से 21 सितंबर को आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा को निरस्त करते हुए पेपर लीक की सीबीआई जांच की मांग दोहराई है। अपने पत्र में उन्होंने कहा कि इस मामले में परीक्षा के पहले दिन पुलिस ने दो आरोपियों को परीक्षा में पास करवाने के नाम पर 15 लाख लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। परीक्षा के दिन पेपर आरंभ होने के एक घंटे के भीतर ही प्रश्न पत्र के कुछ पेज सोशल मीडिया पर जारी कर दिए गए थे। कठोर प्रतिस्पर्धा के युग में एक नंबर से भी कई परीक्षार्थी बाहर हो जाते हैं, इसलिए प्रश्न पत्र के कुछ पेजों का बाहर आना और सोशल मीडिया में प्रकाशित किया जाने की प्रामाणिक घटना को पेपर लीक की श्रेणी में रखा जाना चाहिए। नकल कानून के बाद भी परीक्षा में नकल की इस प्रमाणिक घटना से प्रदेश के परीक्षार्थियों, विद्यार्थियों, युवाओं, अभिवावकों और आम जन का राज्य में हो रही परीक्षाओं की निष्पक्षता से विश्वास समाप्त हो गया है। इसके अलावा आरोपियों के आसानी से जमानत पर छूटने से राज्य के निवासियों का राज्य की जांच एजेंसियों की जांच से भी भरोसा समाप्त हो गया है । परीक्षा और जांच की निष्पक्षता पर विश्वास बनाए रखने के लिए परीक्षार्थियों की मांग के अनुसार परीक्षा निरस्त कर पुनः परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए।