
रुद्रप्रयाग(आरएनएस)। कालीमठ घाटी के सीमांत गांवों की आराध्य देवी भगवती चामुण्डा की दिवारा यात्रा 15 वर्षों बाद सोमवार को शिव-पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण पहुंची। इस मौके पर ग्रामीणों ने पुष्पवर्षा कर यात्रा का भव्य स्वागत किया। देवी के पहुंचते ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। दिवारा यात्रा के शुभारंभ पर सीतापुर में आचार्य अमित देवशाली, राजेन्द्र प्रसाद देवशाली, राहुल देवशाली, हिमांशु भट्ट और पुरुषोत्तम भट्ट द्वारा ब्रह्मबेला में पंचांग पूजन, हवन और आरती का आयोजन किया गया। जबकि इसे बाद सुबह 10 बजे यात्रा अगले पड़ाव के लिए रवाना हुई। गौरामाई मंदिर गौरीकुंड में रात्रि प्रवास किया जाएगा। यात्रा मार्ग में देवी चामुण्डा ग्रामीणों के कुशलक्षेम की जानकारी ले रही हैं, और उन्हें आशीर्वाद प्रदान कर रही हैं। गांव-गांव में पूजा-अर्चना और मनौतियों के साथ लोग क्षेत्र की खुशहाली और विश्व कल्याण की कामना कर रहे हैं। यात्रा समिति के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह सत्कारी ने बताया कि बुधवार को यात्रा बेस कैंप पहुंचेगी और गुरुवार को केदारनाथ धाम में तीर्थ स्नान व दर्शन के बाद यात्रा की वापसी होगी। इस मौके पर संरक्षक कृपाल सिंह राणा, त्रिलोक सिंह रावत, उपाध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह तिन्दोरी, सचिव कीरथ सिंह राणा, कोषाध्यक्ष योगम्बर सिंह रावत सहित समिति के कई सदस्य व त्रियुगीनारायण और सीतापुर के सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।