देहरादून(आरएनएस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र में आने वाली विधानसभाओं की सीएम घोषणाओं की समीक्षा की। सीएम धामी ने हर विधानसभा में अपनी सांस्कृतिक परंपराओं और विरासत को उजागर करते हुए नवाचार किए जाने के निर्देश दिए। ऋषिकेश त्रिवेणी घाट में स्थायी रूप से पानी की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने पर जोर दिया। इसके लिए एक महीने के भीतर डीपीआर तैयार किए जाने के निर्देश दिए। सीएम धामी ने कहा कि ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट में स्थायी पानी की व्यवस्था की जाए। इसके लिए डीपीआर बनाने का काम एक महीने के भीतर पूरा कर लिया जाए। संजय झील को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की कार्यवाही में तेजी लाई जाए। कांवड़ यात्रा के दौरान लोगों को आवागमन और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए परेशानी न हो, इसके लिए वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था को सुनियोजित प्लान पर कार्य किया जाए। शहरी क्षेत्रों में ड्रेनेज सिस्टम को मजबूत बनाया जाए। पार्कों के निर्माण और सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए। सीएम ने निर्देश दिए कि हरिद्वार में जल भराव की समस्या के स्थायी समाधान को विस्तृत योजना बनाई जाए। इसका सर्वे कर जल्द पूरा प्रस्ताव बनाया जाए। अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसून के बाद निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए। बरसात के बाद सड़कों को गड्ढा मुक्त कराने को अभियान चलाया जाए। निर्देश दिए कि एम्स ऋषिकेश और किच्छा में बनने वाले एम्स के सेटेलाइट सेंटर को एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए। हर जिले में दो-दो गांव आदर्श गांव के रूप में विकसित किए जाएं। बैठक में विधायकों ने जलभराव की समस्या, पार्किंग और सौंदर्यीकरण कार्यों, ड्रेनेज, सीवरेज की समस्या, नालों के निर्माण कार्य, यातायात प्रबंधन एवं अन्य समस्याओं को सामने रखा। सीएम विधायकों की समस्याओं के जल्द निस्तारण के निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में विधायक विनोद चमोली, प्रेमचंद अग्रवाल, मदन कौशिक, बृज भूषण गैरोला, प्रदीप बत्रा, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, एलएल फैनई, डॉ. आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली आदि मौजूद रहे। जनसमस्याओं के समाधान को अधिकारी विधायकों के साथ रखें समन्वय सीएम धामी ने कहा कि विधानसभा क्षेत्रों की विभिन्न जन समस्याओं के समाधान को अधिकारी विधायकों से नियमित संवाद करें। विधायकों की ओर से दी गई शीर्ष प्राथमिकताओं के कार्यों में तेजी लाएं। यदि किसी कार्य में कोई समस्या आ रही है, तो संबंधित क्षेत्र के विधायकगणों से सचिव, विभागाध्यक्ष वार्ता कर समस्या का समाधान करें। सभी 70 विधानसभाओं के अंतर्गत की गई घोषणाओं, अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं के सफल क्रियान्वयन को शासन-प्रशासन और विधानसभा क्षेत्र के बीच सेतु की भूमिका में कार्य करने को नोडल अधिकारी के रूप में अपर सचिव स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी जल्द दी जाए।
