
देहरादून(आरएनएस)। दून अस्पताल के बाल रोग विभाग में दिमागी बुखार से पीड़ित एक 13 वर्षीय किशोरी नौ दिन तक वेंटीलेटर पर रही। डॉक्टरों एवं नर्सिंग अफसरों की मेहनत से अब उसकी हालत में सुधार है और शनिवार को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। एचओडी प्रो. डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि एन्सेफलाइटिस यानि दिमागी बुखार से पीडित 13 साल किशोरी अल्फ़िशा निवासी बिजनौर को 11 दिन पहले सहारनपुर मेडिकल कॉलेज से कोमा की हालत में वेंटीलेटर सपोर्ट पर रेफर किया गया था। एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. तन्वी, डॉ. आयशा इमरान, डॉ. आस्था, डॉ. कुलदीप की टीम ने किशोरी का नौ दिन वेंटीलेटर सपोर्ट पर बेहतर इलाज किया और नर्सिंग अधिकारियों ने बेहतर देखभाल की। दो दिन उसे सामान्य वार्ड में रखकर मॉनीटरिंग की और शनिवार को डिस्चार्ज कर दिया गया। परिजनों ने डॉक्टरों का शुक्रिया अदा किया। दिमागी बुखार : ये लक्षण दिखे तो हो जाएं सतर्क पीडिया के एचओडी डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि दिमागी बुखार एक ऐसी स्थिति है, जिसमें दिमाग में सूजन होती है। यह वायरल संक्रमण, ऑटोइम्यून रोग, जीवाणु संक्रमण और कीड़े के काटने से हो सकता है। दिमागी बुखार से व्यक्ति लंबे समय तक दिक्कत में रह सकता है या उसकी जान जा सकती है। प्रमुख लक्षण तेज बुखार के साथ तेज सिरदर्द, कमजोरी, थकान और जी मचलना है। इसके अलावा ध्यान एकत्रित करने में समस्या, मिर्गी, सुन्नपन, मांसपेशियों में कमजोरी, बोलने व सुनने में परेशानी, बेहोशी भी है।