रेशम फेडरेशन ने कमाया एक करोड़ का मुनाफा

देहरादून(आरएनएस)। उत्तराखंड कोऑपरेटिव रेशम फेडरेशन ने इस साल एक करोड़ का मुनाफा कमाया। दून सिल्क ब्रांड नाम से 2.34 करोड़ के रेशमी उत्पाद बेचे गए। सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि रेशम फेडरेशन में कम्प्लीट वैल्यू चेन प्रणाली लागू होने से फेडरेशन की व्यावसायिक गतिविधियों को बल मिला है। इससे रेशमी उत्पादों के निर्माण, विक्रय में वृद्धि हुई। इसके अलावा कम्प्लीट वैल्यू चेन के जरिये धागा निर्माण, डिजाइनिंग, पैकेजिंग और विपणन आदि क्षेत्रों पर भी फोकस किया गया। 1500 किलो रेशम धागा का उत्पादन किया गया। बुनकरों, टिविस्टरों और समूहों ने बड़े पैमाने पर रेशम वस्त्रों का उत्पादन किया। फेडरेशन ने इन्हें अपने ब्रांड ‘दून सिल्क के रिटेल काउंटरों पर बेचा। बताया कि प्रदेश में 6500 से अधिक शहतूती रेशम कीटपालक कीटपालन का काम कर रहे हैं। फेडरेशन की प्राथमिक सहाकारी समितियों के 80 फीसदी कीटपालक हर साल तीन लाख किलो रेशम कोया उत्पादित किया जा रहा है। फेडरेशन से 5501 लाभार्थी जुड़े हैं। फार्म टू फेब्रिक परियोजना में देहरादून, हरिद्वार में 200 लाभार्थियों का चयन किया गया है। लाभार्थियों को कीटपालन गृह निर्माण को शत-प्रतिशत सब्सिडी के रूप में 1.12 लाख की धनराशि दी जा रही है। लाभार्थियों को शत प्रतिशत आवश्यक कीटपालन उपकरण भी दिए जा रहे हैं।