चारधाम यात्रा में स्वप्रमाणीकरण पत्र के विरोध में उतरी परिवहन कंपनियां

ऋषिकेश(आरएनएस)।   चारधाम यात्रा में बस सेवा उपलब्ध कराने वाली निजी परिवहन कंपनियां यात्रियों के स्वप्रमाणीकरण पत्र की अनिवार्यता का कड़ा विरोध किया है। कंपनी संचालकों ने इसे ग्रामीण पृष्ठभूमि के यात्रियों के साथ अन्याय बताया है। उन्होंने यातायात निदेशक को पत्र देकर चार्टेड टूअर्स के तहत जाने वाले बस यात्रियों के लिए इस व्यवस्था में छूट की मांग की है। गुरुवार को परिवहन कंपनी यात्रा और पर्यटन विकास सहकारी संघ के निवर्तमान अध्यक्ष मनोज ध्यानी, टीजीएमओ अध्यक्ष जितेंद्र नेगी और रूपकुंड अध्यक्ष भूपाल सिंह नेगी देहरादून पहुंचे। वहां उन्होंने यातायात निदेशालय में निदेशक अरुण मोहन जोशी से मुलाकात की। बताया कि उन्हें विभिन्न यह जानकारी मिली है कि इस साल की यात्रा में जाने से पहले चेकपोस्ट पर रजिस्ट्रेशन के साथ स्वप्रमाणीकरण पत्र भी दिखाना अनिवार्य होगा। यात्रा रूटों पर यात्रियों के ठहरने और भोजन की पूरी जानकारी उन्हें पत्र के माध्यम से देनी होगी। उन्होंने बताया कि कंपनियों की बसों में यात्रा करने वाले यात्री चार्टेड टूअर श्रेणी के होते हैं। कंपनियों की बसें हरिद्वार और ऋषिकेश से यात्रा शुरू करती हैं। इनमें सवार यात्रियों की ठहरने और भोजन की अग्रिम व्यवस्था नहीं होती है। ग्रामीण पृष्ठभूमि का यात्री होने के चलते उनका उद्देश्य सिर्फ तीर्थयात्रा पर जाना होता है। इनकी होटल और धर्मशाला में अग्रिम बुकिंग भी नहीं होती है। मनोज ध्यानी ने बताया कि निदेशक ने इस तरह के किसी भी अनिवर्यता से इनकार किया है। उन्होंने कोई भी नियम लागू करने से पहले स्टेक होल्डर्स से राय लेने की बात भी कही है।

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