दोस्तों से हमेशा सीखने की कोशिश करें: मोदी
परीक्षा पे चर्चा में बोले पीएम
नई दिल्ली (आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले देशभर के स्टूडेंट्स को आज परीक्षा के तनाव को कम करने के टिप्स दे रहे हैं. इस कार्यक्रम के जरिए 10वीं और 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स को पीएम मोदी संबोधित कर रहे हैं. पीएम मोदी प्रगति मैदान में बनाए गए भारत मंडपम में इस कार्यक्रम के लिए बोर्ड के परीक्षार्थियों को संबोधित कर रहे हैं. बता दें कि पीएम मोदी इस साल 7वीं बार परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में अपना संबोधन दे रहे हैं.
परीक्षा पे चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, आज परीक्षा में सबसे बड़ा चैलेंज होता है लिखना, इसलिए अपना ध्यान प्रैक्टिस में रखें. परीक्षा से पहले विषय के बारे में या जो पढ़ा है वह लिखें फिर खुद ही उसे ठीक करें. क्योंकि अगर आपको तैरना आता है तो पानी में जाने से डर नहीं लगता. जो प्रैक्टिस करता है उसे भरोसा होता कि मैं पार कर जाऊंगा. पीएम मोदी ने कहा कि जितना ज्यादा आप लिखेंगे उतनी ज्यादा शार्पनेस आएगी. परीक्षा कक्ष में कोई अन्य छात्र कितनी स्पीड से लिख रहा है, अगल-बगल में कौन क्या कर रहा है वो सब छोडक़र खुद पर भरोसा रखें.
दबाव पर हमें अपने तरीके से जीत हासिल करनी है, ये संकल्प करना है।
पीएम मोदी ने कहा कि परीक्षा के तनाव को परिवार और टीचर दोनों मिलकर एड्रेस करें. पीएम मोदी ने कहा कि परीक्षा के दौरान अपना ध्यान केंद्रित करें और परीक्षा की तैयारी पहले से करें.
पीएम मोदी ने कहा कि परीक्षा के दौरान बेकार की चीजों में अपनी एनर्जी न खपाएं. पीएम मोदी ने कहा कि परीक्षा के लिए लिखने की आदत डालनी चाहिए. अपनी नोटबुक के अंदर खुद लिखें और उसे बार-बार पढ़ें. जिससे आपको लिखने की आदत हो जाएगी.
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ गलतियां मां-बाप का अति उत्साह कर देता है और कुछ गलतियां छात्र कुछ कर देते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि मां-बाप को परीक्षा के समय अति उत्साह नहीं दिखाना चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि परीक्षा के समय मां-बाप को खाने-पीने के लिए जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए. ऐसे करने से तनाव शुरू हो जाता है. पीएम मोदी ने कहा कि स्टूडेंट्स को उसे अपनी मस्ती में जीने दीजिए.
पीएम मोदी ने कहा कि जो स्टूडेंट्स सिंसियर होते हैं वे परीक्षा कक्ष तक किताब नहीं छोड़ते. पीएम मोदी ने कहा कि परीक्षा से पहले परीक्षा कक्ष में डीप ब्रीथिंग करें, खुद में खो जाएं, अच्छी चीजों के बारे में सोचें और उन छड़ों को याद करें जब आप खुश हुए हों.
पीएम मोदी ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के दौरान कहा कि अगर जीवन में चुनौतियां ना हों तो फिर जीवन बहुत ही चेतनाहीन बन जाएगा, प्रतिस्पर्धा होनी ही चाहिए. लेकिन यह हेल्दी होना चाहिए. पीएम मोदी ने कहा कि मुझे भी परीक्षा पे चर्चा में इस प्रकार का सवाल पहली बार आया है. कभी-कभी इसका जहर, बीज पारिवारिक वातावरण में ही बो दिया जाता है. घर में भी मां-बाप द्वारा दो भाई-बहन के बीच विक्रत प्रतिस्पर्धा का भाव बो दिया जाता है.
पीएम मोदी ने कहा कि मेरा आग्रह है कि मां-बाप अपने ही संतानों में ऐसी तुलना मत कीजिए. लंबे समय के बाद यह बीज जहरीला वृक्ष बन जाता है. मां बाप किसी को मिलते हैं तो अपने बच्चे की कथा सुनाते हैं, यह बच्चे के मन में ऐसा प्रभाव करता है कि मैं तो सब कुछ हूं, मुझे कुछ करने की जरूरत नहीं है.
पीएम मोदी ने कहा कि संगीत के टीचर पूरे स्कूल का तनाव दूर कर सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब किसी टीचर के मन में ये खयाल आता है कि किसी भी स्टूडेंट्स का तनाव कैसे दूर करें. पीएम मोदी ने कहा कि आपका स्टूडेंट्स के साथ नाता बढ़ते रहना चाहिए. जिससे परीक्षा के दिनों में तनाव की नौबत नहीं आएगी.
पीएम मोदी ने कहा कि, टीचर्स को चाहिए कि वे स्टूडेंट्स के साथ अच्छे रिश्ते बनाएं. जिससे उनका तनाव कम होगा. पीएम मोदी ने कहा कि टीचर अगर वर्षभर स्टूडेंट्स के साथ नाता रखते हैं तो उनकी परीक्षा का तनाव कम होगा.
हम अपने दोस्तों से स्पर्धा और ईर्ष्या के भाव में न डूबें. दोस्तों से सीखें. दोस्ती लेनदेन का खेल नहीं है. दोस्तों के बीच निर्व्याज प्याज होता है. दोस्ती जिंदगी भर साथ रहती है. दोस्त हमसे ज्यादा तेजस्वी तपस्वी चुनने चाहिए और उनसे हमेशा सीखने की कोशिश करनी चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि छात्रों को अपने दोस्तों से स्पर्धा नहीं करनी चाहिए, बल्कि खुद से कंपटीशन न करें. ऐसे करने से आप होशियार दोस्त नहीं बनाएंगे.
परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अपने बच्चों के बीच तुलना करने से बचें. ऐसे करना से वह जहरीले वृक्ष के समान हो जाता है. पीएम मोदी ने कहा कि बच्चों के एग्जाम प्रेशर पर परिवार का रोल अहम होता है. उन्होंने कहा कि अक्सर परिवार के लोग और टीचर प्रेशर देते हैं. वहीं, तीसरा कारण खुद के द्वारा ज्यादा प्रेशर लेने भी एक वजह है.
पीएम मोदी ने कहा कि हर नए बैच को इन्हीं समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. छात्रों के बैच बदलते रहते हैं, लेकिन टीचर के बैच नहीं बदलते हैं. अब तक के एपिसोड में मेरी बातों का अगर स्कूल में वर्णन किया हो तो छात्रों की समस्याओं का हल हो सकता है. पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी प्रकार के प्रेशर को झेलना चाहिए, रोना नहीं चाहिए, जीवन में दबाव बनता रहता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा पे चर्चा के दौरान छात्रों की प्रदर्शनी की सराहना की.पीएम ने कहा सभी यह प्रदर्शनी जरूर देखें.