
देहरादून। उत्तराखंड के वन मंत्री हरक सिंह रावत को तीन साल की सजा सुनाई गई है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने हरक सिंह रावत को साल 2012 में विधानसभा चुनाव के दौरान सरकारी कार्य में व्यवधान पैदा करने के मामले में सजा सुनाई है। गौरतलब है कि साल 2012 के विधानसभा चुनाव में डॉ. हरक सिंह रावत और उनके चार समर्थक वीरेंद्र बुटोला, अंकुर रौथाण, वीर सिंह बुडेरा के साथ ही रघुवीर सिंह के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालना, चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करना और प्रशासनिक अधिकारी-कर्मचारियों के साथ अभद्रता करने का आरोप लगा था। इस मामले में रुद्रप्रयाग सीजेएम कोर्ट में मुकदमा चला। इसी साल फरवरी में मामले को लेकर हरक सिंह रावत को जमानत मिली थी। हालांकि, मामले में सुनवाई जारी रही। जमानत के दौरान हरक सिंह रावत को न्यायालय में एक घंटे खड़ा भी रहना पड़ा था। दरअसल, न्यायालय ने मंत्री को कोर्ट में हाजिर होने का समन दिया था, लेकिन मंत्री पूर्व में उपस्थित नहीं हो सके थे। आठ फरवरी को मंत्री सीजेएम कोर्ट में हाजिर हुए, जहां लगभग एक घंटे की प्रक्रिया के बाद उन्हें जमानत मिली।