36 दिन से फरार अमृतपाल सिंह मोगा से गिरफ्तार, पुलिस ने एनएसए लगाकर भेजा डिब्रूगढ़ जेल

चंडीगढ़ (आरएनएस)। 36 दिन से फरार वारिस पंजाब दे चीफ व खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को मोगा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अमृतपाल सिंह को मोगा के एक गुरुद्वारा से गिरफ्तार किया गया है।
अमृतपाल सिंह अजनाला कांड के बाद से ही फरार चल रहा था। पिछले करीब एक महीने के दौरान पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को पकडऩे के लिए कई जगहों पर छापेमारी भी की गई थी लेकिन वो हाथ नहीं आ सका था।
सूत्रों के मुताबिक, अमृतपाल सिंह को असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजा जाएगा। ये वही जेल हैं जहां उसके कई साथियों को भी रखा गया है। अमृतपाल सिंह पर सरकारी कार्रवाई में बाधा डालने, शांति भडक़ाने जैसे कई संगीन मामले दर्ज हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस ने अमृतपाल को मोगा के रोड़े गांव के एक गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी से पहले अमृतपाल ने प्रवचन भी दिए।
18 मार्च से फरार चल रहे अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए कई राज्यों में अलर्ट जारी किया गया था। यहां तक कि नेपाल पुलिस ने भी उसको अपनी सर्विलांस सूची में डाल रखा था। क्योंकि बीच में खबर आई थी कि अमृतपाल नेपाल के रास्ते होते हुए पाकिस्तान भागने की फिराक में था।
सूत्रों के मुताबिक, अमृतपाल सिंह एक दिन पहले मोगा पहुंच गया था। जहां उसने गुरुद्वारे में शरण ली हुई थी। अमृतपाल सिंह को लेकर अब पंजाब पुलिस का बयान भी सामने आ गया है। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है। पंजाब पुलिस ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है।
अमृतपाल सिंह के सरेंडर से पहले पुलिस ने 10 अप्रैल को उसके करीबी सहयोगी पप्पलप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया था। पप्पलप्रीत वो शख्स था जो फरारी के दौरान अमृतपाल सिंह के साथ रहा था। पप्पलप्रीत को भी गिरफ्तार कर असम की जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। अमृतपाल सिंह के गिरफ्तार सहयोगियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून एनएसए के तहत कार्रवाई की गई है।
तीन दिन पहले पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप कौर को एयरपोर्ट से हिरासत में लिया था। किरणदीप लंदन जाने की तैयरी में थी, लेकिन उड़ान भरने से ठीक पहले पुलिस ने एयरपोर्ट से ही उसे हिरासत में ले लिया था। हालांकि, बाद में पुलिस ने किरणदीप को छोड़ दिया था। अमृतपाल पाल कुछ महीने पहले ही दुबई से वापस पंजाब आया था और तब से वो वारिस पंजाब दे संगठन की मुखिया की जिम्मेदारी संभाल रहा था।
फरारी के बीच अमृतपाल सिंह के कई वीडियो भी सामने आए थे। 29 मार्च को जारी एक वीडियो में अमृतपाल सिंह ने कहा कि था कि उसका कोई भी बाल बांका नहीं कर सकता है। उसने कहा था कि उसके ऊपर सच्चे बादशाह की कृपा है। सच्चे बादशाह ने कठिन समय में हमारी परीक्षा ली है, लेकिन ऊपर वाले ने बहुत साथ दिया है।
अमृतपाल सिंह अजनाला की हिंसा के बाद पहली बार चर्चा में आया। 23 फरवरी को अजनाला में उस समय तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी जब अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ अमृतपाल सिंह ने अपने सहयोगी की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए थाने में घुस गया था। पुलिस ने जब उसे रोकने की कोशिश की तो हिंसा भडक़ उठी जिसमें कई पुलिस वाले घायल भी हो गए थे।