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  • मध्य प्रदेश

सात साल की नौकरी में बड़े-बड़े कारनामे करने वाले तहसीलदार एक लाख की रिश्वत लेते धराए

RNS INDIA NEWS 21/01/2021
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भोपाल(आरएनएस)। मध्यप्रदेश में जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक कांग्रेसी विधायकों के सहयोग से चौथी बार मुख्यमंत्री बने शिवराज सिंह चौहान के अपने इस कार्यकाल में कुछ बदले-बदले नजर आ रहे हैं एक ओर जहां वह माफियाओं को दस फुट जमीन के नीचे गाडऩे की चेतावनी तो देते ही हैं तो वहीं भ्रष्ट अधिकारियों के प्रति उन्होंने सख्त रुख अपना रखा है शायद यही वजह है कि लोकायुक्त टीम जिसके बारे में अभी तक यह कहा जाता था कि लोकायुक्त का यह दावा हुआ करता था कि वह समाचार पत्रों को संज्ञान में लेकर कार्यवाही किया करता है, तो वहीं वर्ष 2015 में नीमच की अंतर्राज्यीय सीमा पर स्थित परिवहन विभाग की नयागांव चौकी पर वाहन चालकों से हो रही अवैध वसूली की शिकायत पर तत्कालीन कलेक्टर नंदकुमारम के द्वारा तहसीलदार को भेजकर वहां वाहन चालकों से अवैध वसूली करने के लिये उपयोग किये जाने वाले कूपन आदि को बरामद कर तत्कालीन जावद के तहसीलदार द्वारा जप्त कर जावद थाने में अवैध वसूली की कार्यवाही को लेकर एफआईआर दर्ज कराई गई थी तो तत्कालीन कलेक्टर नंदकुमारम द्वारा समस्त कार्यवाही की रिपोर्ट लोकायुक्त के डीजी को भेजकर उनसे उचित कार्यवाही की मांग की थी। लेकिन नंदकुमारम द्वारा भेजे गये पत्र पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई और छापे के दौरान उक्त नयागांव चौकी पर तैनात अधिकारी से लेकर किसी चौकी पर उस समय तैनात किसी अधिकारी पर कार्यवाही नहीं की गई लेकिन वर्षों बाद मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप पन्ना जिले के अजयगढ़ के तहसीलदार उमेश तिवारी जो यह कहते हैं कि एक लाख रुपये से कम मैं लेता नहीं हूं वह लोकायुक्त टीम की छापामारी के चलते एक लाख रुपये की रिश्वत लेते रंग हाथ पकड़े गये। पन्ना जिले के अजयगढ़ के तहसीलदार उमेश तिवारी को लोकायुक्त संगठन पुलिस ने एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोपी को जिस किसान से रिश्वत लना था, उसके भतीजे से पूछा था, क्यों राशि लाए या नहीं, लेकिन मैं एक लाख रुपए से कम लेता नहीं हूं। वे जब यह सब बातें कर रहे थे, तब पुलिस के कैमरे में कैद हो रहे थे। जैसे ही एक लाख रुपए दिए तिवारी को रंगेहाथों दबोच लिया। यह कार्रवाई लोकायुक्त संगठन पुलिस की सागर टीम न सुबह नौ बजे अकित मिश्रा की शिकायत पर की है। उमेश तिवारी अजयगढ़ में नायब तहसीलदार के पद पर पदस्थ हैं और तहसीलदार के प्रभारी में हैं। उनकी नौकरी को महज सात साल हुए हैं। इतनी कम नौकरी में भी वे बड़े-बड़े कारनामे कर रहे थे। इसस पहले वे पन्ना जिले के पवई तहसील में पदस्थ थे। अंकित अजयगढ़ के रहने वाले हैं। अंकित पहले से उमेश तिवारी के लिए काम करते थे। अंकित के चाचा किसान हैं। अजयगढ़ के पास उसकी खेती की थोड़ी सी जमीन है। कुछ दिनों पहले उन्होंने अजयगढ़ के पास एक मेन रेड पर एक प्लाट खरीदा था। इस प्लाट को लेकर दूसरे पड़ोसी से विवाद चल रहा था। अंकित के चाचा उस प्लाट पर निर्माण कार्य कराना चाह रहे थे। तब बगल के प्लाट मालिक यानी दूसरी पार्टी ने तहसीलदार के न्यायालय में अर्जी दाखिल कर स्टे हासिल कर लिया था। चूंकि अंकित पहले से उमेश तिवारी के लिए काम करता था और उन्हें अच्छे से जानता था, इसलिए उसने कहा कि यह प्लॉट हमारे चाचा का है, उनकी मदद कर दीजिए। तहसीलदार ने इसके एवज में दो लाख रुपए की रिश्वत अंकित से मांगी थी। अंकित का कहना था कि चाचा छोटे किसान हैं, इतनी राशि कहां से लाएंगे। बहुत पहले किसी तरह से प्लॉट ले लिया था। उसके बाद अंकित और तहसीलदार के बीच में एक लाख रुपए का सौदा तय होने के बाद रात नौ बजे एसपी लोकायुक्त सागर से शिकायत की थी। शिकायत के बाद टीम बनाई गई और अजयगढ़ रवाना हुई। अंकित भी टीम के साथ थे। अंकित ने वहां पहुंचकर फोन किया, तब तहसीलदार ने रेस्ट हाउस आने को कहा। तहसीलदार रेस्ट हाउस में ठहरे थे। थोड़ी देर रुकने के बाद तहसीलदार बाहर निकले और अंकित की तरफ देखकर कहा कि आ गए। राशि लाए हो, लेकिन एक लाख रुपए से कम नहीं लूंगा, नहीं मैं इससे कम लेता नहीं हूं। अंकित ने हां, में जवाब दिया और उसके बाद कमरे के अंदर जाकर राशि दी। पीछे से लोकायुक्त की टीम ने रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया है।

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