6 माह से नहीं मिला आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मानदेय

बागेश्वर। नवजात और गर्भवती महिलाओं को लगने वाले टीके से लेकर पुष्टाहार बांटने में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भूमिका अहम है। इसके बावजूद उन्हें छह महीने से मानदेय नहीं मिला है। इस पीड़ा को कार्यकत्रियों के अलावा कांग्रेस नेता कई बार उठा चुके हैं। इसके बावूजद उनकी मांग आज तक पूरी नहीं हो पाई है। मानदेय के अभाव में कार्यकत्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। मालूम हो कि जिले में 419 ग्राम पंचायत हैं। इन पंचायतों में आंगनबाड़ी केंद्र खुले हैं। उन्हें चालने के लिए एक कार्यकत्री और एक सहायिका तैनात हैं। उन्हें नौनिहालों को पढ़ाने के अलावा गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण के अलावा उन्हें पुष्टाहार देने की भी जिम्मेदारी है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं अभियान मे भी कार्यकत्रियां बढ़चढक़र भाग लेती हैं। कोरोना के टीका लगाने में भी वह पीछे नहीं हैं। स्वास्थ्य कर्मियों के बाद उन्होंने ही टीके लगाए। इस सबे बाद भी उन्हें छह महीने से मानदेय नहीं मिल पाया है। इस कारण उनके सामने संकट गहरा गया है। उनकी समस्याओं को राज्य सभा सदस्य प्रदीप टम्टा के अलावा कोंग्रेस कार्यकर्ता उठा चुके हैं, लेकिन समस्या आज भी जस की तस है। कार्यकत्रियों ने जल्द मानदेय देने की मांग की है। इधर जिला बाल विकास एवं महिला सशक्तीकरण अधिकारी राजेंद्र बिष्ट ने बताया कि केंद्र से मिलने वाली राशि मिल गई है, जबकि राज्य अभी नहीं मिली है। मिलते ही इसे वितरित कर दी जाएगी।

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