30 बिस्तर निजी अस्पतालों को 30 लाख का अनुदान देने वाला छत्तीसगढ़ देश का बना पहला राज्य

उत्तर प्रदेश व कर्नाटक ने भी दिखाई दिलचस्पी
देश भर में छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा

रायपुर, 10 जुलाई (आरएनएस)। ग्रामीण एवं कस्बाई इलाकों में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने, निजी अस्पतालों को सस्ती दरों में जमीन, किफायती दरों में बिजली देने एवं निर्माण कार्यों के लिए अनुदान देने की घोषणा करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है, जहां आयुष्मान कार्डधारी मरीजों का उपचार होगा। इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना काल से सबक लेते हुए कार्य योजना तैयार करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये हैं।
देशभर में छत्तीसगढ़ के इस मॉडल की चर्चा हो रही है। इसमें मुख्यमंत्री की नरवा-घुरवा-गरवा-बारी योजना और राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चर्चा भी शामिल है।
उत्तर प्रदेश और कर्नाटक ने निजी अस्पतालों को सस्ती जमीन, किफायती दरों में बिजली देने एवं निर्माण के लिए अनुदान देने की योजना पर दिलचस्पी दिखाई है।
राज्य सरकार यदि गांवों में 30 बिस्तर वाले अस्पताल का निर्माण और स्थापना करेगी, तो लगभग 5 करोड़ खर्च करने होंगे। विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति व वेतन का अधिभार अलग से उठाने होंगे। जबकि निजी अस्पतालों को अनुदान देने से सरकार को केवल 30 लाख रुपए ही खर्च करने होंगे। इससे शासन को बचत तो होगी ही, साथ ही ग्रामीणों को उपचार भी हो सकेगा।
योजना की शर्तों में निजी अस्पताल की स्थापना करने वाले संस्थान को 50 फीसदी आयष्मान कार्डधारी मरीजों का इलाज करना अनिवार्य होगा। सरकार का मानना है कि गांव की 80 प्रतिशत आबादी के पास आयुष्मान कार्ड हैं, उससे उनको इलाज में सुविधा होगी।
योजना की शर्तों में गांव में निजी अस्पताल शुरू करने वाले संस्थान को 3 विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति करनी होगी, जिसमें शिशु रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति शामिल हैं। इसके अलावा एक फिजिशियन का होना भी अनिवार्य शर्तों में शामिल किया गया है।

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