दो हजार का नोट वापस लेने पर कांग्रेस ने उठाए सवाल

देहरादून। कांग्रेस ने दो हजार का नोट वापस लेने पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और नेता विपक्ष यशपाल आर्य ने कहा है कि एक बार और नोटबंदी करने से सिद्ध हो गया है कि भाजपा सरकार अपनी नीतियों को लेकर स्पष्ट नहीं है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि कर्नाटक चुनाव में मिली हार से सबक लेकर सरकार ने यह निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि पिछली बार की नोटबंदी से कोई लक्ष्य हासिल नहीं हो पाया, उल्टा इसकी मार गरीब लोगों पर ही पड़ी। इसी तरह इस बार दो हजार का नोटबंद होने से आम लोगों की ही फजीहत होगी, प्रभाव वाले लोगों को अपना कालाधन बदलने में फिर भी कोई दिक्कत नहीं होगी।

ध्यान भटकाने का हथियार
नेता विपक्ष यशपाल आर्य ने अपने बयान में कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि पहले 2000 का नोट क्यूं शुरू किया गया, अब अचानक इसे वापस किसलिए लिया गया। यशपाल आर्य ने कहा कि नवंबर 2016 में नोटबंदी के समय प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के जरिए कालाधन और आंतकवाद पर रोक लगने के बड़े-बड़े दावे किए थे, जो अब खोखले साबित हो रहे हैं। बल्कि आंकड़े बता रहे हैं कि इन सालों में देश में काला धन और बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि यह समझ से परे है कि पांच सौ और एक हजार के नोट पर रोक के बाद सरकार इससे भी बड़ा दो हजार का नोट लेकर आ गई। इसलिए पुन: दो हजार के नोट पर रोक, सरकार की विफलता की स्पष्ट स्वीकारोक्ति भी है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार देश जनता का ध्यान भटकाने के लिए तरह-तरह के मुद्दे खड़ा करती है।

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