24 साल बाद भी नहीं मिला जिला अस्पताल को अपना भवन

रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग अलग जिला बनने के बाद भले ही 24 साल गुजर गए किंतु जिला अस्पताल को अपना भवन नसीब नहीं हो पाया है। अस्पताल का संचालन आज भी सीएचसी भवन पर चल रहा है, जहां स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन में भी दिक्कतें हो रही हैं। सितंबर 1997 में जिले के लोगों के संघर्ष और आंदोलन के बाद रुद्रप्रयाग जिले का गठन किया गया। इसी दौरान रुद्रप्रयाग में वर्षो से संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को जिला चिकित्सालय के रूप में उच्चीकृत किया गया। किंतु अस्पताल संचालन के लिए नया भवन स्वीकृति नहीं किया गया। 24 वर्ष बीत जाने के बाद भी जिला चिकित्सालय सीएचसी के भवन पर चल रहा है। जिला चिकित्सालय के मुताबिक यहां जगह की कमी के चलते वार्डों की संख्या भी नहीं बढ़ पा रही है। प्रशासनिक कार्यों के लिए भी अस्पताल प्रबंधन के पास पर्याप्त जगह नहीं हैं। इन स्थितियों में कई बार गंभीर बीमार व घायल को अस्पताल में भर्ती करने में प्रबंधन को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जगह के अभाव में चिकित्सकीय के साथ ही विभागीय व्यवस्थाओं के संचालन में दिक्कतें हो रही हैं।
जनपद के अस्तित्व में आने के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रुद्र्रप्रयाग के भवन पर ही जिला चिकित्सालय का संचालन शुरू कर दिया गया। लेकिन अस्पताल के स्वयं के भवन के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए। भवन निर्माण को लेकर निदेशालय को प्रस्ताव भेजा जाएगा। – डा. दिग्विजय सिंह रावत, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग